सार

राक्षस गण वाले लोगों में एक नैसर्गिक गुण होता है। इन लोगों को अपने आस-पास मौजूद नकरात्मक शक्ति का तुरंत इसका अहसास हो जाता है। कई बार इन लोगों को यह शक्तियां दिखाई भी देती हैं

उज्जैन. हम अपने आस-पास अक्सर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की शक्तियां महसूस करते रहते हैं। पर आम लोग इन शक्तियों को देख नहीं पाते। कुछ खास लोगों को ही ये शक्तियां दिखाई देती हैं। ज्योतिष के मुताबिक राक्षस गण वाले लोगों को भी इन शक्तियों का अहसास तुरंत हो जाता है। ऐसे लोग भूत-प्रेत व आत्मा आदि शक्तियों को तुरंत ही भांप जाते हैं। हम आपको ऐसे ही लोगों के बारे में बता रहे हैं, इनकी क्या विशेषताएं होती हैं, और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है...

कौन होते हैं राक्षस गण ?
राक्षस गण, यह शब्द जीवन में कई बार सुनने में आता है लेकिन कुछ ही लोग इसका मतलब जानते हैं। यह शब्द सुनते ही मन और मस्तिष्क में एक अजीब सा भय भी उत्पन्न होने लगता है और हमारा मन राक्षस गण वाले लोगों के बारे में कई कल्पनाएं भी करने लगता है। जबकि सच्चाई काफी अलग है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर प्रत्येक मनुष्य को तीन गणों में बांटा गया है। मनुष्य गण, देव गण व राक्षस गण।

कैसे करें गण की पहचान ?
कौन सा व्यक्ति किस गण का है यह जन्म नक्षत्र (जन्म कुंडली) के माध्यम से जाना जा सकता है। मनुष्य गण तथा देव गण वाले लोग सामान्य होते हैं। जबकि राक्षस गण वाले लोगों में एक नैसर्गिक गुण होता है। इन लोगों को अपने आस-पास मौजूद नकरात्मक शक्ति का तुरंत इसका अहसास हो जाता है। कई बार इन लोगों को यह शक्तियां दिखाई भी देती हैं, लेकिन इसी गण के प्रभाव से इनमें इतनी क्षमता भी आ जाती है कि वे इन शक्तियों से जल्दी ही भयभीत नहीं होते। राक्षस गण वाले लोग साहसी भी होते हैं तथा विपरीत परिस्थिति में भी घबराते नहीं हैं।

इन नक्षत्रों में पैदा होने वाले लोगों का होता है राक्षण गण

1. कृत्तिका
2. अश्लेषा
3. मघा
4.चित्रा
5. विशाखा
6. ज्येष्ठा
7. मूल
8. धनिष्ठा
9. शतभिषा