NPS Vatsalya Yojana: एनपीएस वत्सल्या स्कीम के तहत माता-पिता अपने बच्चों के नाम पर 1000 रुपए से अकाउंट खोलकर सेविंग शुरू कर सकते हैं। स्कीम में 18 साल की उम्र पर अकाउंट अपने-आप NPS Tier-I में बदल जाएगा। जानें आवेदन प्रक्रिया और इसके फायदे।

NPS Vatsalya Scheme: कई बार बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मम्मी-पापा अलग-अलग सेविंग प्लान तलाशते हैं। लेकिन अब सरकार ने एक ऐसा स्कीम लॉन्च किया है, जो न सिर्फ बच्चों की रिटायरमेंट सेविंग का रास्ता खोलता है बल्कि उनकी पढ़ाई और हेल्थ जैसी जरूरी जरूरतों में भी काम आता है। इसका नाम है NPS Vatsalya स्कीम, जिसे वित्त मंत्री ने बजट 2024-25 में ऐलान किया था। इस स्कीम की सबसे खास बात यह है कि माता-पिता या अभिभावक बच्चे के नाम से अकाउंट खोल सकते हैं और हर साल कम से कम 1000 रुपए जमा कर सकते हैं। पैसे डालने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। जानिए एनपीएस वत्सल्य स्कीम के फायदे क्या-क्या हैं। आकउंट कैसे ओपन कर सकते हैं समेत जरूरी डिटेल्स।

एनपीएस वात्सल्य योजना के फायदे क्या-क्या हैं?

18 की उम्र से पहले भी निकाल सकते हैं पैसे

अगर बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसे चाहिए, किसी गंभीर बीमारी का इलाज कराना हो, या बच्चे को 75 प्रतिशत से ज्यादा डिसएबिलिटी हो, तो अभिभावक अकाउंट से 25 प्रतिशत तक पैसे निकाल सकते हैं। यह सुविधा तीन बार तक मिल सकती है, बशर्ते अकाउंट को कम से कम तीन साल पूरे हो गए हों।

18 साल पूरा होते ही अकाउंट अपने-आप NPS में बदल जाएगा

जैसे ही बच्चा 18 साल का होगा, यह खाता अपने आप नॉर्मल NPS Tier-I अकाउंट में बदल जाएगा। यानी आगे चलकर वही अकाउंट उसकी रिटायरमेंट सेविंग के लिए काम करता रहेगा। इसके लिए दोबारा कोई झंझट या नया प्रोसेस करने की जरूरत नहीं होगी।

NPS Vatsalya स्कीम में इनवेस्टमेंट के ऑप्शन

  • डिफॉल्ट ऑप्शन- Moderate Lifecycle Fund (50 प्रतिशत इक्विटी)
  • ऑटो ऑप्शन- Aggressive (75 प्रतिशत इक्विटी), Moderate (50 प्रतिशत इक्विटी), Conservative (25 प्रतिशत इक्विटी)
  • एक्टिव ऑप्शन- माता-पिता खुद तय कर सकते हैं कि कितना हिस्सा इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, कॉरपोरेट डेट या अल्टरनेट एसेट में जाए।

अगर माता-पिता का निधन हो जाए तो क्या होगा?

अगर बच्चे के गार्जियन की मौत हो जाए तो नया गार्जियन KYC डॉक्यूमेंट के साथ रजिस्टर किया जा सकता है। और अगर दोनों माता-पिता का निधन हो जाए, तो कोर्ट द्वारा नियुक्त गार्जियन यह खाता बच्चों के लिए आगे भी चला सकता है।

क्यों खास है एनपीएस वात्सल्य स्कीम?

  • बच्चों के लिए रिटायरमेंट सेविंग की शुरुआत कम उम्र से ही हो जाती है।
  • पढ़ाई, बीमारी और डिसएबिलिटी जैसी इमरजेंसी में पैसों का सहारा मिलता है।
  • 18 साल पूरे होते ही खाता अपने आप रेगुलर NPS अकाउंट में बदल जाता है।
  • बच्चों को छोटी उम्र से ही फाइनेंशियल प्लानिंग और सेविंग का सबक मिलता है।

बच्चे के 18 साल के होने पर एनपीएस अकाउंट का क्या होगा?

जैसे ही बच्चा 18 का होगा, खाता अपने आप NPS Tier-I (All Citizen) में बदल जाएगा। सिर्फ बच्चे का नया KYC कराना होगा। इसके बाद बच्चा खुद तय कर सकता है कि वह स्कीम में बने रहना चाहता है या बाहर निकलना।

NPS Vatsalya अकाउंट से कब-कब निकाल सकते हैं पैसे?

बच्चा 18 साल का होने से पहले भी, कुछ खास हालात में 25% रकम तक निकासी की सुविधा है। पढ़ाई के खर्च के लिए, गंभीर बीमारी के इलाज के लिए या 75% से ज्यादा दिव्यांगता की स्थिति में। लेकिन यह निकासी सिर्फ 3 बार तक की जा सकती है और अकाउंट खुले होने के कम से कम 3 साल बाद ही संभव होगी।

अकाउंट खोलने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

  • गार्जियन का आधार या पैन या ड्राइविंग लाइसेंस
  • बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल सर्टिफिकेट
  • गार्जियन का सिग्नेचर
  • NRI या OCI के लिए पासपोर्ट, विदेशी पते का सबूत और बैंक डिटेल

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कैसे खोलें एनपीएस वात्सल्य अकाउंट? 

  • ऑनलाइन अकाउंट खोलने के लिए NPS Trust की वेबसाइट npstrust.org.in पर जाएं।
  • Open NPS Vatsalya पर क्लिक करें।
  • गार्जियन और बच्चे की डिटेल डालें।
  • OTP वेरिफिकेशन करें।
  • KYC पूरी करें और बच्चे की DOB प्रूफ अपलोड करें।
  • निवेश का विकल्प चुनें।
  • कम से कम 1000 रुपए का शुरुआती योगदान करें।
  • PRAN नंबर जेनरेट हो जाएगा और अब आप इसमें अपनी सुविधा अनुसार अपने बच्चे के लिए बचत कर सकते हैं।

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