सार

Paush month 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में 12 महीने होते हैं। इनमें से दसवें महीने का नाम पौष है। इस मास में शीत ऋतु चरम पर होती है। इस बार पौष मास 9 दिसंबर से 6 जनवरी 2023 तक रहेगा। इस दौरान कई प्रमुख व्रत-उत्सव मनाए जाएंगे।
 

उज्जैन. पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना हैं। इस बार पौष मास (Paush month 2022) 9 दिसंबर से 6 जनवरी 2023 तक रहेगा। पंचांग के अनुसार,  इस साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि क्षय होने से ये महीना 29 दिनों का रहेगा। इसी दौरान सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खर मास का आरंभ भी हो जाएगा। धर्म ग्रंथों में इस महीने को दान-पुण्य व व्रत-उपवास के लिए बहुत खास माना है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा नारायण स्वरूप में करने का विशेष महत्व है। आगे जानिए इस महीने में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा…

पौष मास में मनाए जाएंगे ये व्रत-त्योहार (Paush Month 2022 Festival Calender)
11 दिसंबर, रविवार- गणेश चतुर्थी व्रत
16 दिसंबर, शुक्रवार- रुक्मिणी अष्टमी/ खर मास आरंभ 
19 दिसंबर, सोमवार- सफला एकादशी
20 दिसंबर, मंगलवार- सुरुप द्वादशी
21 दिसंबर, बुधवार- प्रदोष व्रत/शिव चतुर्दशी व्रत
23 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या
26 दिसंबर, सोमवार- विनायकी चतुर्थी व्रत
2 जनवरी, सोमवार 2023- पुत्रदा एकादशी व्रत
4 जनवरी, बुधवार 2023- प्रदोष व्रत
6 जनवरी, शुक्रवार 2023- पौष पूर्णिमा, शाकंभरी पूर्णिमा


सूर्य करेगा धनु राशि में प्रवेश, शुरू होगा खर मास (Khar Mass 2022)
हिंदू धर्म में खर मास का विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब सूर्य गुरु ग्रह के स्वामित्व की राशि धनु और मीन में प्रवेश करता है तो खर मास शुरू हो जाता है। जब तक सूर्य इन राशियों में रहता है कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते। इस बार सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेगा, जिससे खर मास शुरू हो जाएगा। खर मास 14 जनवरी तक रहेगा। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है।

शाकंभरी पूर्णिमा 6 जनवरी को (Shakambhari Purnima 2023)
पौष मास की पूर्णिमा पर शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है। इसे शाकंभरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार ये पर्व 6 जनवरी को मनाया जाएगा। देवी शाकंभरी की कृपा से ही धरती पर अनाज और सब्जियां आदि पैदा होती हैं। इनकी हजारों आंखों हैं, इसलिए इनका एक नाम शताक्षी भी है। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी शाकंभरी आदिशक्ति दुर्गा के अवतारों में एक हैं।


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