सार

साई पल्लवी ने कुछ दिनों पहले कश्मीर में हुए हिन्दुओं के नरसंहार की तुलना मॉब लिंचिंग से की थी, जिसकी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा था। 

एंटरटेनमेंट डेस्क. साउथ इंडियन एक्ट्रेस साई पल्लवी (Sai Pallavi) ने कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार और गौ हत्या करने वालों की लिंचिंग को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान पर सफाई दी है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर उन्होंने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वे कह रही हैं कि आगे से कुछ भी बोलने से पहले दो बार सोचेंगी।

पहली बार सफाई देने आई हूं: साई

साई ने वीडियो में कहा, "यह पहली बार है जब मैं सफाई देने के सामने आई हूं और मुझे लगता है कि यह पहली बार होगा जब मैं अपने दिल की बात कहने से पहले दो बार सोचूंगी।  क्योंकि मुझे डर है कि मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है। अगर मैं अपने विचारों को आप तक पहुंचाने में अधिक समय लेती हूं तो मुझे माफ़ करना। हाल ही में एक इंटरव्यू में मुझसे पूछा गया था कि क्या मैं वामपंथी हूं या दक्षिणपंथ का समर्थक हूं तो मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि कि मैं तटस्थ हूं और हमें अपनी मान्यताओं से अपनी पहचान बनाने से पहले अच्छे इंसान बनने की जरूरत है।"

नरसंहार और गौ हत्याओं का बुरा प्रभाव पड़ा

साई पल्लवी की मानें तो फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' और गौ हत्याओं ने उन पर बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा है। इसकी वजह से वे लंबे समय तक सदमे में रही हैं। बकौल साईं, "द कश्मीर फाइल्स देखकर मैं डिस्टर्ब हो गई थी। मैं नरसंहार जैसी त्रासदी और इससे प्रभावित लोगों की पीढ़ियों को कभी कम नहीं आंकूंगी।  मैं कभी कोविड के समय हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बार में बात नहीं कर सकती। मुझे वह वीडियो याद है, जिसे देखने के बाद मैं कई दिनों तक सिहरी रही थी। मेरा मानना है कि हिंसा किसी भी तरह की हो, वह गलत है। किसी भी धर्म के नाम पर हिंसा पाप है।"

स्कूल में सीखा सब भारतवासी भाई-बहन हैं

साई ने वीडियो में कहा है कि जब वे 14 साल की थीं और स्कूल जाती थीं, तब एक ही बात बोलती थीं कि सभी इंडियन आपस में भाई-बहन हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने देश से बेहद प्यार करती हैं। उन्हें अपने देश की सांस्कृतिक विरासत और यहां की विविधता में एकता से बेहद प्रेम है। उनका कहना है कि हमारे देश में कभी लोगों को जाति और धर्म के नाम पर नहीं बांटा गया। इसलिए वे जब भी अपने विचार रखती हैं, बिल्कुल निष्पक्ष हो कर रखती हैं।

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किस बयान पर हुआ था बवाल

कुछ दिनों पहले एक इंटरव्यू में जब साई पल्लवी से पूछा गया था क्या वे अपनी पर्सनल लाइफ में वामपंथी विचारधारा से प्रभावित रही हैं तो उन्होंने कहा था कि वे कभी किसी एक पक्ष के लिए नहीं बोलतीं। उन्होंने हर तरह की हिंसा पर आपत्ति जताई थी। साई ने कहा था, " द कश्मीर फाइल्स ने दिखाया कि कैसे उस वक्त कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई थी। यदि आप इस मुद्दे को एक धार्मिक संघर्ष के रूप में ले रहे हैं, तो हाल ही में गायों को ले जा रहे एक मुस्लिम ड्राइवर को पीटा गया और 'जय श्री राम' के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। तो इन दोनों घटनाओं में अंतर कहां है? हमें अच्छा इंसान बनना है। अगर हम अच्छे हैं, तो हम दूसरों को चोट नहीं पहुंचाएंगे। यदि आप एक अच्छे इंसान नहीं हैं, तो न्याय न तो दक्षिणपंथ की ओर मिलेगा और न बाममपंथ की ओर। मैं बहुत निष्पक्ष हूं।" कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की तुलना मॉब लिंचिंग से करने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें बुरी तरह लताड़ लगाई थी।

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