सार

सेम की फली खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। इसे आप आसानी से घर पर उगा सकते हैं। आइए जानते हैं सेम की फली उगाने की विधि और देखभाल के तरीके।

जनवरी फरवरी में सेम की फली की सब्जी बहुत बनाई जाती है। सर्दियों में मकर संक्रांति के समय सेम की फली खाने का सही समय होता है। सेम की फली जिसे फ्रेंच बीन्स कहा जाता है, यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है और इससे सब्जी के अलावा और भी कई सारी रेसिपी बनाई जाती है। सेम की फली बाजार में 40-80 रुपये तक प्रति किलो मिलता है। इसकी सब्जी में पोषण की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिसे खाने पर शरीर को अनगिनत फायदे मिलते हैं। बता दें कि सेम की फली को आप घर में बहुत आसानी से लगा सकते हैं, इसे लगाना और इसकी देखभाल बहुत आसान है, आज के इस लेख में हम आपको सेम की फली को लगाने की विधि और कैसे इसका देखभाल करना है, चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं।

सेम की फली लगाने और देखभाल की विधि

1. बीज का चयन:

सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले सेम के बीज का चुनाव करें। आप चाहें तो हाइब्रिड या देसी, दोनों में से किसी एक तरह के बीज चुन सकते हैं, जो आपके क्षेत्र के जलवायु के अनुसार उपयुक्त हो।

2. गमले का चयन:

  • सेम की बेलों को उगाने के लिए कम से कम 12-15 इंच गहरा और 10-12 इंच चौड़ा गमला चुनें। यह बेलदार पौधा होता है, इसलिए इसे बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान आवश्यक है।
  • गमले में पानी निकासी के लिए नीचे छेद अवश्य हो, जिससे अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके और जड़ें पानी के जमाव के कारण सड़ने न पाएं।

3. मिट्टी की तैयारी:

  • सेम की फली उगाने के लिए जैविक खाद और दोमट मिट्टी का मिश्रण सबसे अच्छा रहता है। आप सामान्य बागवानी मिट्टी में गोबर की खाद, कंपोस्ट या वर्मी कंपोस्ट मिला सकते हैं।
  • मिट्टी में नमी होनी चाहिए, लेकिन यह गीली या पानी से भरी नहीं होनी चाहिए। अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे बेहतर होती है।

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4. बीज बोना:

  • बीज को लगभग 1-2 इंच गहरे गमले में बोएं। एक गमले में 3-4 बीज बोए जा सकते हैं।
  • बीजों को एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर बोएं ताकि पौधों को फैलने और बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
  • बीज बोने के बाद हल्का पानी दें और गमले को धूप वाली जगह पर रखें।

5. सिंचाई:

  • सेम के पौधों को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है। गर्मियों में मिट्टी की ऊपरी सतह सूखने पर पानी दें, जबकि सर्दियों में पानी कम करें।
  • ध्यान दें कि गमले में पानी रुकने न पाए, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। पानी देने का सही समय सुबह या शाम को होता है।

6. सूरज की रोशनी:

  • सेम के पौधे को अच्छी धूप की जरूरत होती है, इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें जहां 5-6 घंटे सीधी धूप मिल सके।
  • यदि आपके पास ऐसी जगह नहीं है, तो पौधे को अंदर भी उगा सकते हैं, लेकिन इसके लिए ग्रो लाइट का उपयोग करना होगा।

7. सहारा देना:

  • सेम की फली बेलदार पौधा होता है, इसलिए इसके लिए सहारे की जरूरत होती है। गमले में लकड़ी या बांस की खूँटी लगा सकते हैं ताकि बेलें उस पर चढ़ सकें।
  • आप चाहें तो जाल या तार का सहारा भी दे सकते हैं।

8. खाद और पोषण:

  • हर 15 दिन में पौधों को जैविक खाद या तरल खाद दें। आप घर के किचन वेस्ट, जैसे कि सब्जियों के छिलके, से बनी खाद का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम से भरपूर खाद पौधों की वृद्धि के लिए अच्छी होती है।

9. कीट नियंत्रण:

  • सेम के पौधे पर अफ़ीड्स, माइट्स या कैटरपिलर जैसे कीट लग सकते हैं। इनसे बचाव के लिए आप नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं।
  • जैविक कीटनाशक या घर के बने मिश्रण, जैसे साबुन के पानी का छिड़काव भी प्रभावी हो सकता है।

10. फली की तुड़ाई:

  • सेम के पौधे से फली लगभग 50-60 दिनों में तैयार हो जाती है। जब फलियाँ अच्छी तरह हरी और भरपूर हो जाएं, तो इन्हें तोड़ लें।
  • ज्यादा देर तक फलियाँ पौधों पर रहने से उनका स्वाद और गुणवत्ता घट सकती है।

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11. पौधों की देखभाल:

  • पौधों को समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें ताकि मिट्टी मुलायम और पौधों को पोषण मिलता रहे।
  • यदि पौधे में पीले पत्ते नजर आएं तो उन्हें हटा दें। इससे पौधे की ऊर्जा बचेगी और नई वृद्धि बेहतर होगी।

महत्वपूर्ण टिप्स:

  • पौधों को धूप, पानी और पोषण सही मात्रा में दें।
  • कीटों से बचाने के लिए नियमित रूप से पौधों की जांच करें।
  • समय पर फली की तुड़ाई करें ताकि नई फलियाँ आती रहें।
  • गमले में सेम की फली उगाने के लिए ये सरल और प्रभावी विधि है। उचित देखभाल से आप अपने घर पर हरी और ताजी सेम की सब्जी प्राप्त कर सकते हैं।