AUS vs ENG: एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 8 विकेट से रौंद दिया और 5 मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल कर ली। इस हार के बाद इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। खिलाड़ियों की क्लास लगाई है।
Australia vs England, 2nd Test: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज सीरीज 2025-26 के दूसरे टेस्ट में मिली शर्मनाक शिकस्त के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। उन्होंने अपने प्लेयरों की क्लास लगाते हुए उन्हें सच का आईना दिखाया है। ब्रिस्बेन के गाबा स्टेडियम में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में कंगारूओं ने 8 विकेट से जीत दर्ज की। 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 की बढ़त हासिल की। पहले टेस्ट में पर्थ में भी इंग्लिश टीम को 8 विकेट से ही मैच अपने नाम किया था।
हार के बाद फूटा बेन स्टोक्स का गुस्सा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली लगातार 2 टेस्ट हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अपनी टीम की डांट लगाई है। उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसे सुनने के बाद पूरा विश्व क्रिकेट में खलबली मच गई है। उन्होंने मुकाबला खत्म होने के बाद साफ शब्दों में कहा कि ऑस्ट्रेलिया में और ड्रेसिंग रूम में कमजोर दिखने वाले प्लेयरों की कोई जगह नहीं बनती है।
हार टालने के लिए बेन ने लगाई पूरी ताकत
गाबा में मिली हार के बाद कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा कि कुछ समय तक उनकी टीम ने हार टालने की कोशिश की। उन्होंने 152 गेंदों का सामना किया और 50 रन बनाए। उन्होंने विल जैक्स के साथ 220 बॉल का सामना करके 96 रनों की पार्टनरशिप की। इसी साझेदारी के दम पर इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 65 रनों का टारगेट सेट किया। हालांकि, कंगारूओं के लिए यह लक्ष्य ज्यादा मुश्किल नहीं था।
और पढ़ें-India vs South Africa 1st T20i: भारत-दक्षिण अफ्रीका पहला टी20i कब और कहां खेला जाएगा?
बेन स्टोक्स ने ऑस्ट्रेलिया को लेकर क्या बोला?
एक कहावत है जो हम पहले भी कई बार यहां आकर कह चुके हैं कि ऑस्ट्रेलिया की टीम कमजोर लोगों के लिए नहीं है। मैं जिस ड्रेसिंग रूम का कैप्टन हूं, वहां भी कमजोर लोगों की जगह नहीं बनती है। यह बहुत निराशाजनक है। मेरे लिए इसका एक बड़ी वजह इस खेल, इस फॉर्मेट के प्रेशर का सामना करना, जब मैच दांव पर है।
छोटे-छोटे मौके पर हम कुछ हद तक कंट्रोल कर पाए और फिर हमने उसे हाथों से जाने दिया। इस विक भी हमने यही किया। यह काफी निराशाजनक है, खासकर हमारे ड्रेसिंग रूम में मौजूद खिलाड़ियों की क्षमता को देखते हुए। हमें उन क्षणों के बारे में थोड़ा और गहराई से सोचने की जरूरत है और यह भी कि हम मेंटली रूप से उनमें क्या ले रहे हैं। कुल मिलाकर जरूरत पड़ने पर थोड़ा और संघर्ष करना होगा।
