IND vs SA Test: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट मुकाबला 22 नवंबर से गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। पहले मुकाबले में टीम इंडिया को 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। उस मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों ने निराश किया था। 

India vs South Africa, Guwahati Test: कोलकाता के ईडन गार्डन में टीम इंडिया को पहले टेस्ट मुकाबले में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। अब सीरीज का आखिरी यानी दूसरा टेस्ट मुकाबला गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। टीम इंडिया को सीरीज ड्रा करने के लिए इस मुकाबले को हर हाल में जितना ही होगा, क्योंकि यदि मैच ड्रॉ होता है, तो अफ्रीका की टीम सीरीज अपने नाम कर लेगी। भारत के लिए अच्छी खबर है, कि कप्तान शुभमन गिल इंजरी से तेजी से रिकवर हो रहे हैं। वहीं, नीतीश कुमार रेड्डी वापसी कर रहे हैं। ऐसे में गुवाहाटी के मैदान पर भारतीय टीम बदला ले सकती है। आइए पिच पर नजर डालते हैं...

गुवाहाटी की पिच कैसी रहती है?

पहली बार गुवाहाटी की इस मैदान पर टेस्ट क्रिकेट का आयोजन हो रहा है। अभी तक सिर्फ T20 इंटरनेशनल और वनडे क्रिकेट ही खेले गए हैं, जिसमें बल्ले और गेंद के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है। शुरुआती ओवरों में बीच में ज्यादा नमी होने के चलते तेज गेंदबाजों को भी यहां काफी मदद मिलती है। नई गेंद से विकेट जाने का ज्यादा डर होता। खासकर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे विकेट टेकर बॉलर के लिए या पिच काफी मददगार साबित हो सकती है।

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गेंद पुरानी होने पर बल्लेबाजों को फायदा

हालांकि, जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती जाती है, वैसे-वैसे बल्लेबाजों को भी मदद मिलने है। लेकिन रिपोर्ट बता रहे हैं, कि तीसरे दिन से बीच में क्रैक्स आने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में यदि पिच में दरारें आती हैं, तो आस्तीन गेंदबाज कोलकाता की तरह यहां भी अपना जलवा बिखेर सकते हैं। भारत और साउथ अफ्रीका दोनों की टीम में एक से बढ़कर एक धांसु स्पिनर्स के विकल्प हैं, जो यहां के मैदान पर अपने फिरकी में बल्लेबाजों को फंसा सकते हैं।

गुवाहाटी में आंकड़े क्या कहते हैं?

बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम पहली बार किसी इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट की मेजबानी करने जा रहा है। इस ग्राउंड पर फिलहाल कुल आठ वनडे मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों को चार मुकाबले में जीत मिली है, जबकि इतने ही मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम भी अपने नाम की है। वनडे में यहां पहली पारी का औसत स्कोर 225 रन है, वहीं दूसरी इनिंग में यह घटकर 180 हो जाता है। इस रिकार्ड को देखते हुए कप्तान टेस्ट क्रिकेट में पहले टॉस जीता बल्लेबाजी करना ही पसंद करेंगे।

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