सार
पर्थ: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारत ने जीत हासिल की। पर्थ में भारत ने 295 रनों से शानदार जीत दर्ज की। 534 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में 238 रनों पर ऑल आउट हो गई। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने तीन-तीन विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। वाशिंगटन सुंदर ने दो विकेट लिए। बुमराह ने पूरे टेस्ट मैच में आठ विकेट झटके। ट्रैविस हेड ने 89 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए। इस जीत के साथ, भारत पांच मैचों की श्रृंखला में आगे हो गया है। दूसरा टेस्ट 6 दिसंबर को एडिलेड में शुरू होगा, जो एक डे-नाइट टेस्ट होगा।
चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया ने 12/3 के स्कोर से अपनी पारी शुरू की। उस्मान ख्वाजा (4) को चौथे दिन की शुरुआत में ही आउट करके मोहम्मद सिराज ने भारत को बढ़त दिलाई। ख्वाजा अपने पिछले दिन के स्कोर में सिर्फ एक रन ही जोड़ पाए, ऋषभ पंत ने उनका कैच लपका। इसके बाद स्टीवन स्मिथ (17) भी पवेलियन लौट गए। सिराज की गेंद पर विकेटकीपर को कैच थमा बैठे। हेड के साथ 62 रन की साझेदारी करके स्मिथ आउट हुए। इसके बाद हेड और मिशेल मार्श (47) ने 81 रन जोड़े।
लेकिन कप्तान बुमराह ने हेड को आउट करके भारत को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। हेड ने 101 गेंदों में आठ चौके लगाए। इसके बाद नीतीश कुमार रेड्डी ने मार्श को बोल्ड किया। फिर विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया। वाशिंगटन सुंदर ने मिशेल स्टार्क (12) और नाथन लियोन (0) को आउट किया। हर्षित राणा ने एलेक्स कैरी (36) को बोल्ड करके भारत की जीत पक्की कर दी। पिछले दिन डेब्यू कर रहे सलामी बल्लेबाज नाथन मैक्सवेल (0) को पिच के उछाल का फायदा उठाते हुए बुमराह ने एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया था।
नाइट वॉचमैन के रूप में आए पैट कमिंस (2) को सिराज ने एक आउटस्विंगर पर कोहली के हाथों कैच कराया। मार्नस लाबुशेन (3) को भी बुमराह ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। इससे पहले, विराट कोहली ने शतक के सूखे को समाप्त करते हुए और यशस्वी जयसवाल ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए पर्थ क्रिकेट टेस्ट में भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। कोहली ने 143 गेंदों में आठ चौके और दो छक्के लगाकर नाबाद 100 रन बनाए, जिससे भारत ने अपनी दूसरी पारी 487/6 पर घोषित की।
ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा गया। नीतीश कुमार रेड्डी ने 27 गेंदों में 38 रन बनाकर कोहली के साथ नाबाद रहे। यह कोहली का 30वां टेस्ट शतक था। इससे पहले, यशस्वी जयसवाल के चौथे टेस्ट शतक (161) ने भारत को एक बड़े स्कोर की नींव रखी थी। पहली पारी में भारत के 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलिया 104 रनों पर ऑल आउट हो गई थी।