सार

भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। रविंद्र जडेजा के बेहतर प्रदर्शन और युवा खिलाड़ियों के उदय को इसका कारण माना जा रहा है।  

खेल डेस्क। भारत के स्टार स्पिनर आर अश्विन ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 106 टेस्ट मैच खेलकर अश्विन ने 537 विकेट लिए हैं। उन्होंने 6 शतकों और 14 अर्द्धशतकों के साथ 3503 रन बनाए हैं। गाबा टेस्ट के पांचवें दिन अश्विन ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली से गले मिलते देखे गए। इसके बाद से उनके रिटायरमेंट की अफवाहें फैलने लगी थीं।

अश्विन ने क्यों लिया यह फैसला?

अश्विन को प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह पक्की नहीं लग रही थी। उनके संन्यास लेने का पहला संभावित कारण यह हो सकता है। रविंद्र जडेजा ने कमोबेश सीरीज के बाकी बचे मैचों के लिए प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह पक्की कर ली है। वह गेंद से कुछ खास नहीं कर सके, लेकिन शानदार बल्लेबाजी कर 77 रन बनाए। इससे भारत को फॉलो-ऑन से बचने और ड्रॉ हासिल करने में मदद मिली।

मेलबर्न और सिडनी में स्पिनरों को कुछ मदद मिल सकती है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि जडेजा को सबसे पहले चुना जाएगा। वॉशिंगटन सुंदर को भी टीम में शामिल किया जा सकता है।

वाशिंगटन सुंदर को दिया जा रहा मौका

नई व्यवस्था के तहत टीम में अश्विन से आगे वाशिंगटन सुंदर को मौका दिया जा रहा है। सुनील गावस्कर ने अश्विन के संन्यास पर चर्चा करते हुए इसके बारे में संकेत दिया है। कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व वाली नई टीम में सुंदर को अधिक मौका दिया जा रहा है। न्यूजीलैंड सीरीज के दौरान बीच में उन्हें टीम में शामिल किया गया था। सुंदर ने बल्ले और गेंद से बेहतरीन प्रदर्शन किया था।

नीतीश कुमार रेड्डी का उदय

भारत को तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर की तलाश है। नीतीश कुमार रेड्डी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने 5 पारियों में 44.75 की औसत से 179 रन बनाए और 3 विकेट लिए।

कुछ समय तक कोई घरेलू सीरीज नहीं

अश्विन का भारत में रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने अपने 537 विकेटों में से 383 विकेट घरेलू मैदान पर लिए हैं। 2025 में इंग्लैंड दौरे के बाद भारत का कोई घरेलू टेस्ट मैच नहीं है। इससे अश्विन को लगता होगा कि उनके लिए संभावनाएं कम होंगी। जैसा कि हाल के दिनों में देखा गया है जडेजा विदेशी परिस्थितियों में स्वाभाविक पसंद लगते हैं। सुंदर के आने से अश्विन को लगता होगा कि उनके लिए अब बाहर जाना ही सबसे अच्छा है।

यह भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अश्विन का संन्यास, कहा- क्लब क्रिकेट में दिखाऊंगा दम