सार

टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2020) में बैडमिंटन में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) ने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से मुलाकात की। 

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो पैरालंपिक 2020 चैंपियन प्रमोद भगत ने बुधवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से मुलाकात की। क्रिकेट भगवान से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि मेरा बचपन के सपने को साकार हो गया। बता दें कि  शटलर प्रमोद भगत ने हाल ही में संपन्न टोक्यो पैरालिंपिक में पुरुष एकल SL3 - फाइनल मैच में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 2-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता है। इस जीत के बाद भारतीय टीम वापस स्वदेश लौट आई है। 

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प्रमोद भगत ने बुधवार को सचिन तेंदुलकर से मुलाकात की कुछ तस्वीरें अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर शेयर की है। जिसमें वह सचिन को अपना मेडल दिखाते नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों को शेयर कर उन्होंने लिखा कि बचपन का सपना साकार हुआ। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि 'मैं आज कितना खुश हूं। एक बच्चे के रूप में मैंने हमेशा सचिन तेंदुलकर सर से हमेशा सकारात्मक और प्रेरित रहने के लिए प्रेरणा ली। हमेशा सोचा था कि एक दिन मुझे आपसे मिलने का मौका मिलेगा। मैं यह भी चाहता था कि वह दिन मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि के बाद आए और भगवान ने ऐसा ही किया। मैंने पैरालिंपिक गोल्ड जीता। मेडल की खुशी अभी थमी भी नहीं थी कि मुझे आपसे मिलने का मौका मिला। शुरुआत में मेरे पास शब्द कम पड़ रहे थे क्योंकि मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं आपके बगल में बैठा हूं। आपके बोले गए शब्द हमेशा मेरे साथ रहेंगे और मुझे जीवन भर प्रेरणा देते रहेंगे। मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। मुझे आज रात नींद नहीं आएगी।'

इस दौरान सचिन तेंदुलकर उन्हें उनकी जर्सी पर ऑटोग्राफ भी दिया और लिखा कि 'आपने पूरे देश को गौरवांवित किया है। हमारी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ हैं। प्रमोद और सचिन दोनों ये जर्सी पकड़ कर पोज दे रहे हैं।'

बता दें कि भारतीय शटलर कृष्णा नागर ने पुरुष एकल एसएच6 फाइनल मैच में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को 2-1 से हराकर पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। पैरालंपिक में पहली बार बैडमिंटन को शामिल किया गया है। जिसमें भारत के 7 खिलाड़ियों ने भाग लिया और 4 ने मेडल जीते है। वहीं, पूरे खेल आयोजन में भारत ने 19 पदक जीते हैं। 1968 में पैरालंपिक खेलों में पदार्पण करने के बाद से भारत ने 2016 तक केवल 12 पदक जीते थे और इस बार देश ने इतिहास रचा। 

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