सार
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 से अयोग्य घोषित होने के बाद संन्यास का ऐलान किया है। विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा पाए जाने के कारण उन्हें अयोग्य करार दिया गया, जिसके बाद बजरंग पूनिया समेत कई लोगों ने उनके समर्थन में आवाज उठाई है।
स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 से निराशाजनक रूप से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया और कहा कि उनमें अब आगे बने रहने की ताकत नहीं हैं। दरअसल, बुधवार 7 अगस्त 2024 को कुश्ती में 50 किलोग्राम वर्ग कैटेगरी में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम से अधिक पाया गया। जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया और वह फाइनल मुकाबले में खेल नहीं पाई। इसके बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान तक कर दिया।
विनेश फोगाट के पक्ष में उतरे बजरंग पूनिया
भारतीय पुरुष फ्रीस्टाइल रेसलिंग पहलवान बजरंग पूनिया विनेश फोगाट के पक्ष में उतर आए हैं और उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए विनेश के लिए एक ट्वीट किया और लिखा- विनेश आप हारी नहीं हराया गया हैं। हमारे लिए सदैव आप विजेता रहेंगी। आप भारत की बेटी होने के साथ-साथ भारत का अभियान भी हो। इसके साथ उन्होंने एक सैल्यूट और रोने वाली इमेजी शेयर की। सोशल मीडिया पर बजरंग पूनिया का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और बजरंग ही नहीं बल्कि लाखों करोड़ों हिंदुस्तानी भी उनके पक्ष में उतर आए हैं।
विनेश फोगाट का रिटायरमेंट ट्वीट
पेरिस ओलंपिक 2024 से अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए एक पोस्ट शेयर किया और लिखा- मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुकी हैं। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी। बता दें कि विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम फ्री स्टाइल रेसलिंग में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। दरअसल, ऐसा करने वाली वह पहली महिला पहलवान बनी थीं, लेकिन अयोग्यता के कारण उन्हें फाइनल मुकाबला खेलने को नहीं मिला।
विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में की रिपोर्ट
बुधवार को ओलंपिक फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में अपील की है और संयुक्त रूप से रजत पदक से सम्मानित करने का अनुरोध भी किया है। जिस पर अभी सुनवाई होगी और अगर फैसला उनके पक्ष में आया तो उन्हें सिल्वर मेडल से नवाजा जा सकता हैं।
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