दिव्यांग क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहीं हैं गजल खान
स्पोर्ट्स डेस्क: गजल खान दिव्यांग क्रिकेटरों के अधिकारों और उन्हें आगे लाने के लिए समर्पित हैं। DCCBI के सीईओ के रूप में, उन्होंने दिव्यांग एथलीटों के लिए एक मंच तैयार किया है और उनके नेतृत्व में भारतीय दिव्यांग टीम ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
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मिलिए गजल खान से जो दिव्यांग क्रिकेटरों के अधिकारों और उन्हें आगे लाने के लिए लगातार काम कर रही हैं। हाल ही में डीसीसीबीआई के कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान महासचिव हारून रशीद, उपाध्यक्ष मुरुगन राज और पूर्व भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान कैलाश प्रसाद भी मौजूद रहें।
2014 से गजल खान डीसीसीबीआई के साथ जुड़ी हुई है, उस समय दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए अवसर बहुत सीमित हुआ करते थे। लेकिन उन्होंने दिव्यांग एथलीटों के लिए एक मंच तैयार किया।
साल 2021 में गजल खान के प्रयासों और समर्पण को देखते हुए हुए उन्हें डीसीसीबीआई के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया और उनके नेतृत्व में संगठन ने नई ऊंचाइयों को छुआ।
गजल खान केवल डीसीसीबीआई की सीईओ ही नहीं, बल्कि वह अंतर्राष्ट्रीय विकलांग क्रिकेट परिषद की सचिव और अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर क्रिकेट परिषद की उपाध्यक्ष के रूप में भी काम करती हैं। उनकी इसी मेहनत के कारण कई दिव्यांग क्रिकेटरों को आगे आने का मौका मिला हैं।
गजल खान के नेतृत्व में दिव्यांग खेलों में क्रांति आई, जिसके परिणामस्वरुप ही दिव्यांग क्रिकेट टीम ने 2015 में पहला एशिया कप जीता। इसके बाद भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम ने 2019 में दूसरा स्थान हासिल किया।
गजल खाने ने कार्यक्रम के दौरान अपने एक्सपीरियंस शेयर किए और उन क्रिकेटर्स के बारे में भी बताया, जो कड़े संघर्षों के बाद एक सफल व्हीलचेयर क्रिकेटर बनें।
उन्होंने ललित पाठक के बारे में बताया जो एक व्हीलचेयर क्रिकेटर हैं। वो एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों पैर गवां चुके थे और डिप्रेशन में चले गए थे। इसके बाद कैसे दिव्यांग क्रिकेटर टीम से उन्हें नया उद्देश्य और भारत के लिए खेलने का मिला।
इसके अलावा गजल ने एक और प्रेरणादायक कहानी बताई, जिसमें आमिर नाम के शख्स जिन्होंने अपने दोनों हाथ एक हादसे में गवां दिए। वह अपने पैरों से गेंदबाजी करते हैं। कुछ समय पहले आमिर ने सचिन तेंदुलकर से भी मुलाकात की थी और सचिन ने आमिर की इस प्रतिभा की सराहना भी की थी।
इस कार्यक्रम के दौरान गजल खान ने बताया कि यह कहानी हजारों में से सिर्फ दो हैं। हमारे पास देश भर के 4000 से ज्यादा दिव्यांग क्रिकेटर हैं। जिनकी अनूठी कहानी है और उनमें खेल को जीतने का जज्बा हैं। हम उन्हें दुनिया के सामने अपनी क्षमताओं को दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।
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