सार
पेरिस: ओलंपिक कुश्ती फाइनल से 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट की अपील पर आज अंतरराष्ट्रीय खेल पंचाट का फैसला आने वाला है। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ का रुख अहम होगा। माना जा रहा है कि भारत ने एक अहम दलील के जरिए महासंघ को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कुश्ती महासंघ के नियम के मुताबिक, फाइनल में खेलने वाले पहलवान से हारने वाले पहलवान को ही रेपेचेज राउंड में कांस्य पदक के लिए मुकाबला करने का मौका मिलता है। लेकिन महासंघ ने फाइनल से पहले विनेश को अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित कर दिया था। उन्हें आखिरी स्थान पर रखा गया था। जबकि विनेश से प्री-क्वार्टर फाइनल में हारने वाली जापान की स्टार पहलवान और मौजूदा चैंपियन यू सुसाकी को रेपेचेज राउंड में खेलने की इजाजत दे दी गई। सुसाकी ने कांस्य पदक भी जीता।
महासंघ के ही नियम के मुताबिक विनेश स्वर्ण पदक के मुकाबले के लिए अयोग्य हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि फाइनल में खेलने वाले पहलवान से हारने वाले पहलवान को ही रेपेचेज का मौका क्यों दिया गया? भारत के इसी तर्क ने महासंघ को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सुसाकी का मुकाबला फाइनल में क्यूबा की यूस्नेलिस गुज़मान या अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांड से नहीं हुआ था। ऐसे में सुसाकी को रेपेचेज में कांस्य पदक के लिए कैसे उतारा गया, इसका जवाब महासंघ को देना होगा। माना जा रहा है कि आज होने वाली अंतिम बहस में भारत इसी प्वाइंट को जोरदार तरीके से उठाएगा।
भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे विनेश की अपील पर फैसला आएगा। ओलंपिक खत्म होने से पहले ही यह अपील दायर की गई थी, लेकिन फैसला दो दिन बाद आ रहा है।