सार
बता दें कि युवा पीढ़ी को 1857 से 1947 के बीच चले स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी देने, आजादी के 75 वर्ष में देश के विकास तथा आजादी के 100 पूरे होने तक विश्वगुरु भारत की तस्वीर दिखाने के लिए अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया है।
गुजरात। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने आजादी अमृत महोत्सव मनाने का एलान किया है। जिसकी शुरूआत शुक्रवार को दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस मौके पर उन्होंने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में बापू को नमन करने के बाद विज़िटर बुक में क्या लिखा, जिसे हम आपको दिखा रहे हैं।
विजिटर बुक में पीएम ने लिखी ये सब बातें...
''साबरमती आश्रम में आकर, पूज्य बापू की प्रेरणा से राष्ट्र निर्माण का संकल्प और मजबूत होता है। यहां के पवित्र वातावरण, यहां की स्मृतियों से जब हम एकाकार होते हैं तो स्वाभाविक ही तप और त्याग की भावना बढ़ जाताी है। साबरमती आश्रम से गांधी जी ने आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का भी संदेश दिया था। आजादी के अमृत महोत्सव के प्रारंभ के लिए प्रेरणा के लिए, इस पुण्य स्थली पर पुनः आकर मैं धन्य महसूस कर रहा हूं। आजादी का अमृत महोत्सव, भारत के स्वतंत्रता संग्राम को, कृतज्ञ देशवासियों द्वारा दी जा दी जा रही कार्यंजलि है। इस महोत्सव के दौरान देश अपनी स्वतंत्रता के आंदोलन के हर पड़ाव, हर अहम क्षण, को तो याद करेगा ही, भविष्य निर्माण के लिए नई ऊर्जा के साथ आगे भी बढ़ेगा। मुझे विश्वास है कि पूज्य बापू के आशीर्वाद से, हम भारतवासी, अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए, अमृत महोत्सव के उद्देश्यों को अवश्य सिद्ध करेंगे।'' नरेन्द्र मोदी
क्या है आजादी अमृत महोत्सव का उद्देश्य
युवा पीढ़ी को 1857 से 1947 के बीच चले स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी देने, आजादी के 75 वर्ष में देश के विकास तथा आजादी के 100 पूरे होने तक विश्वगुरु भारत की तस्वीर दिखाने के लिए अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया है।
आज के ही दिन गांधी जी ने शुरू किया था दांडी मार्च
बता दें कि महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से 12 मार्च 1930 को 78 सत्याग्राहियो के साथ दांडी के लिए निकले थे। अंग्रेजों के नमक कानून के विरोध में गांधी जी ने दांडी मार्च निकाला था। गांधी जी ने 6 अप्रैल 1930 को नमक बनाकर अंग्रेजों के कानून को तोड़ दिया था। इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।