अलौली सीट 2025 जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार राम चंद्र सदा जीत गए हैं। उन्होंने आरजेडी के उम्मीदवार रामवृक्ष सदा को हराया। खगड़िया की अलौली सीट पर 2020 में RJD ने JDU को 2,773 वोटों के करीबी अंतर से हराया था।

Alauli Assembly Election 2025: अलौली सीट पर जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार राम चंद्र सदा जीत गए हैं। उन्हें 93208 वोट मिले। राम चंद्र सदा ने 35732 वोटों से आरजेडी के उम्मीदवार रामवृक्ष सदा को हराया। रामवृक्ष सदा को 57476 वोट मिले। अलौली विधानसभा हमेशा से ही राजनीतिक संघर्ष का मैदान रही है। यह बिहार के खगड़िया जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है। यह खगड़िया संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। ऐतिहासिक रूप से यह सीट लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का गढ़ रही है, लेकिन 2015 से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस पर कब्जा जमाया था। 2020 में रामवृक्ष सदा ने जेडीयू की साधना देवी और लोजपा के राम चंद्र सदा को हराकर विधानसभा में अपना स्थान पक्का किया था। 

क्या 2025 में बदलेंगे अलौली के समीकरण?

  •  अलौली विधानसभा में 2020 तक कुल मतदाता 252,891 थे।
  •  इस सीट पर एससी मतदाता लगभग 25.39%, मुस्लिम मतदाता 7.6% और ग्रामीण मतदाता लगभग 100% हैं।
  •  2020 में रामवृक्ष सदा ने सिर्फ 2,773 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, जो इस सीट पर मुकाबले की तगड़ी चुनौती दिखाता है।

मतदाता और जातीय समीकरण

  •  कुल मतदाता (2020): 252,891
  •  एससी मतदाता: 64,209 (25.39%)
  •  एसटी मतदाता: 101 (0.04%)
  •  मुस्लिम मतदाता: 19,220 (7.6%)
  •  ग्रामीण मतदाता: 252,891 (लगभग 100%)

नोट: अलौली विधानसभा में जातीय समीकरणों का असर बड़ा है। अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटरों का बड़ा प्रतिशत चुनावी नतीजों को निर्णायक बनाता है।

पिछली जीत-हार का रिकॉर्ड

2020 अलौली विधानसभा चुनाव:

  •  विजेता: रामवृक्ष सदा (RJD)-47,183 वोट
  •  दूसरा स्थान: साधना देवी (JD(U))-44,410 वोट
  •  तीसरा स्थान: राम चंद्र सदा (LJP)-26,386 वोट
  • वोट अंतर: रामवृक्ष सदा ने साधना देवी को मात्र 2,773 वोटों के अंतर से हराया।

नोट 1: 2020 में आरजेडी के रामवृक्ष सदा ने जीत दर्ज कर सीट पर पार्टी का दबदबा बनाए रखा। यह जीत दिखाती है कि अलौली में आरजेडी ने ग्रामीण और मुस्लिम मतदाताओं के बीच मजबूत पकड़ बनाई है।

नोट 2: 10वीं पास रामवृक्ष पर 5 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। उनके पास कुल 70 हजार रुपए की संपत्ति हैं लेकिन कोई लोन नहीं है।

2015 अलौली विधानसभा चुनाव

  •  चंदन कुमार (RJD)- 70,519 वोट, जीत।
  •  पशुपति कुमार पारस (LJP)-46,049 वोट, हार।

नोट: 2015 में आरजेडी ने एलजेपी के पुराने किले पर कब्जा किया। सात बार विधायक रहे पशुपति पारस को हार का सामना करना पड़ा। यह जीत आरजेडी के लिए अलौली में राजनीतिक मजबूती साबित हुई।

2010 अलौली विधानसभा चुनाव

  •  रामचंद्र सदा (JD(U)- 53,775 वोट, जीत।
  •  पशुपति कुमार पारस (LJP)- 36,252 वोट, हार।

नोट: 2010 में एलजेपी और जेडीयू के बीच मुकाबला था। राम चंद्र सदा ने जीत हासिल की, लेकिन इस जीत के बाद एलजेपी धीरे-धीरे इस सीट पर अपनी पकड़ खोने लगी।

क्यों है अलौली विधानसभा चुनाव 2025 रोचक?

  • 1. पिछली बार RJD ने कमजोर अंतर से जीत हासिल की, इस बार मुकाबला और कड़ा होगा।
  • 2. लोजपा का पुराना प्रभाव अभी भी बरकरार है, जिसे चुनौती देने की तैयारी है।
  • 3. जातीय और वर्गीय समीकरण इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
  • 4. ग्रामीण मतदाता और मुस्लिम मतदाता इस चुनाव की दिशा तय कर सकते हैं।