बिहार के बरौली विधानसभा चुनाव 2025 में जदयू उम्मीदवार मंजीत कुमार सिंह ने 83,000 से ज़्यादा वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की। ​​बरौली सीट पर तीर का असर भी ज़ोरदार रहा।

Barauli Assembly Election 2025: बिहार के गोपालगंज जिले की बरौली विधानसभा सीट पर जेडीयू से मनजीत कुमार सिंह ने जीत हासिल की। साल 2025 में तीर बरौली सीट पर अपना कमाल दिखाया है। मनजीत कुमार सिंह को बरौली सीट पर 83 हजार सीट से ज्यादा वोट मिले।

2010 का चुनाव: बीजेपी ने बनाई बढ़त (Barauli Assembly 2010)

 2010 में बीजेपी (BJP) के रामप्रवेश राय ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्हें कुल 45,234 वोट मिले थे।

  • आरजेडी (RJD) के उम्मीदवार एम. नेमतुल्लाह को 34,820 वोट मिले।
  •  रामप्रवेश राय ने करीब 10,414 वोटों से जीत दर्ज की और बीजेपी का परचम लहराया।

2015 का चुनाव: आरजेडी की वापसी (Barauli Vidhan Sabha 2015)

 2015 का चुनाव बेहद रोमांचक रहा। इस बार आरजेडी (RJD) ने नेमतुल्लाह को मैदान में उतारा।

  •  नेमतुल्लाह को कुल 61,690 वोट मिले।
  •  बीजेपी के रामप्रवेश राय को 61,186 वोट मिले।

नोट: मतदान का अंतर मात्र 504 वोट था। इस चुनाव में आरजेडी ने बेहद नजदीकी मुकाबले में जीत दर्ज की और यह साफ कर दिया कि यहां की जनता आखिरी समय तक फैसला बदल सकती है।

2020 का चुनाव: बीजेपी ने किया तख्ता पलट (Barauli Assembly 2020)

 2020 का चुनाव फिर से दिलचस्प रहा। इस बार बीजेपी (BJP) के रामप्रवेश राय और आरजेडी के रियाजुल हक उर्फ राजू आमने-सामने थे।

  •  रामप्रवेश राय (BJP) - 81,956 वोट (लगभग 49%)
  •  रियाजुल हक (RJD)- 67,801 वोट (लगभग 40%)

नोट: रामप्रवेश राय ने 14,155 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की और 2015 की हार का बदला पूरा किया।

बरौली की राजनीति की खासियत

बरौली विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। यहां यादव, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं। 2015 और 2020 के नतीजे बताते हैं कि यहां की जनता किसी भी समय फैसला बदल सकती है। यही कारण है कि बरौली की सीट बिहार की राजनीति में रहस्य और रोमांच से भरी रहती है।

2025 में जेडीयू की जीत?