Bihar mutual transfer policy 2025: बिहार सरकार की पारदर्शी एवं संवेदनशील म्यूचुअल ट्रांसफर नीति के तहत अब तक राज्य के 17,242 शिक्षकों का ट्रांसफर उनकी आपसी सहमति एवं पसंद के अनुसार किया जा चुका है।
Bihar News: बिहार सरकार की म्यूचुअल ट्रांसफर नीति राज्य के हज़ारों शिक्षकों के जीवन में नई उम्मीद और खुशियां लेकर आई है। आपसी सहमति पर आधारित इस पारदर्शी और संवेदनशील ट्रांसफर नीति के तहत अब तक 17,242 शिक्षकों का उनके पसंदीदा स्थानों पर ट्रांसफर कर दिया गया है। यह पूरी प्रक्रिया e-Shikshakosh मोबाइल ऐप के ज़रिए डिजिटल और पारदर्शी तरीके से संचालित की गई। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के नेतृत्व में पहली बार इस जटिल प्रक्रिया को सरल, त्वरित और प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया गया है। उन्होंने इसे एक बड़ी प्रशासनिक उपलब्धि बताया है।
बारह साल के इंतजार का अंत
यह ट्रांसफर जमुई ज़िले की शिक्षिका सुमन कुमारी और गिद्धौर की शिक्षिका शिल्पी वर्णवाल के लिए एक भावनात्मक उपलब्धि साबित हुआ। दोनों को लगभग 12 साल बाद अपने ससुराल के नजदीक स्थित स्कूलों में तैनाती मिली है। हाल ही में उन्होंने क्रमशः उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चंदवारा (जमुई) और प्राथमिक विद्यालय, तारडीह (गिद्धौर) में कार्यभार ग्रहण किया है।
पांच दिनों में ट्रांसफर का आदेश
दोनों शिक्षकों ने 'ई-शिक्षा कोष' एप्लीकेशन के माध्यम से म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद मात्र पांच दिन बाद ही ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया गया, जो पहले असंभव माना जा रहा था।
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म्यूचुअल ट्रांसफर की क्या है शर्तें
म्यूचुअल ट्रांसफर नीति के अंतर्गत, शिक्षक आपसी सहमति से केवल अपने विषय और श्रेणी (जैसे गणित से गणित, विज्ञान से विज्ञान) में ट्रांसफर ले सकते हैं। शिक्षक ई-शिक्षा कोष में लॉग इन करके अपने ज़िले, प्रखंड, अनुमंडल या पंचायत के इच्छुक शिक्षकों की सूची देख सकते हैं और उनसे संपर्क कर सकते हैं। ट्रांसफर प्रक्रिया में शिक्षक ओटीपी सत्यापन के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ते हैं और सहमति के आधार पर डिजिटल माध्यम से स्थानांतरण आदेश जारी किया जाता है।
शिक्षकों में उत्साह
यह नीति न केवल शिक्षकों को उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन के करीब लाने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सैकड़ों महिला शिक्षकों को उनके ससुराल या घर के नजदीक के स्कूलों में पदस्थापित किया गया है, जिससे उनका पारिवारिक जीवन भी बेहतर हुआ है।
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