Instagram Friendship Marriage: बिहार के सुपौल में इंस्टाग्राम पर हुई दोस्ती प्यार में बदली और दो युवतियों ने मंदिर में शादी कर ली। गैस चूल्हे के सात फेरे लेकर की गई शादी का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे जिले में चर्चा तेज हो गई।
Supaul Lesbian Couple Marriage: बिहार के सुपौल जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह कहानी है इंस्टाग्राम से शुरू हुई दोस्ती, प्यार में बदले रिश्ते और फिर मंदिर में की गई एक अनोखी शादी की। यहां दो युवतियों ने आपसी सहमति से एक-दूसरे का हाथ थामते हुए जीवनभर साथ निभाने का फैसला लिया।
सुपौल में क्या हुआ ऐसा, जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया?
सुपौल के त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र में रहने वाली दो युवतियों ने चुपचाप मंदिर में शादी कर ली। यह शादी कोई सामान्य शादी नहीं थी, बल्कि समलैंगिक विवाह था। शादी की जानकारी तब सामने आई जब दोनों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया।
इंस्टाग्राम से शुरू हुई पहचान प्यार में कैसे बदली?
जानकारी के अनुसार, दोनों युवतियों की पहचान करीब दो साल पहले इंस्टाग्राम पर हुई थी। शुरुआत में बातचीत सामान्य थी, लेकिन धीरे-धीरे यह दोस्ती में बदली। समय के साथ दोनों एक-दूसरे को समझने लगीं और भावनात्मक रूप से जुड़ गईं। लगातार संपर्क और भरोसे ने इस रिश्ते को प्यार में बदल दिया। दोनों का कहना है कि उन्होंने काफी समय तक सोच-समझकर यह फैसला लिया।
मंदिर में शादी का फैसला क्यों और कैसे लिया गया?
मंगलवार की देर रात दोनों युवतियां त्रिवेणीगंज मेलाग्राउंड स्थित एक मंदिर पहुंचीं। वहां बहुत कम लोग मौजूद थे। बिना किसी तामझाम के, सादे तरीके से उन्होंने शादी की रस्म पूरी की। सबसे खास बात यह रही कि शादी के दौरान उन्होंने गैस चूल्हे के चारों ओर सात फेरे लिए। उस समय किसी को अंदाजा नहीं था कि यह शादी कुछ ही घंटों में पूरे जिले में चर्चा का विषय बन जाएगी।
किराए के कमरे से शादी तक का सफर क्या बताता है?
बताया जा रहा है कि दोनों युवतियां पिछले दो महीनों से वार्ड 18 में एक किराए के कमरे में साथ रह रही थीं। दोनों एक ही मॉल में काम करती हैं। शादी के बाद जब वे अपने कमरे लौटीं, तो आसपास के लोगों को इस बारे में जानकारी हुई। इसी बीच शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और फिर मामला तेजी से फैल गया।
पूजा और काजल कौन हैं, और उन्होंने क्या भूमिका निभाई?
नवविवाहित युवतियों की पहचान पूजा गुप्ता (21 वर्ष), निवासी मुरलीगंज, मधेपुरा और काजल कुमारी (18 वर्ष), निवासी शंकरपुर थाना क्षेत्र के रूप में हुई है। इस शादी में पूजा ने दूल्हे की भूमिका निभाई, जबकि काजल दुल्हन बनीं। दोनों ने मंदिर में एक-दूसरे को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया।
क्या दोनों को लड़कों में दिलचस्पी नहीं थी?
दोनों युवतियों ने साफ कहा है कि उन्हें शुरू से ही लड़कों में कोई रुचि नहीं थी। उनका रिश्ता पूरी तरह भावनात्मक जुड़ाव पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहती हैं और किसी दबाव में आकर नहीं, बल्कि आपसी सहमति से यह फैसला लिया है।
समाज क्या सोच रहा है इस अनोखी शादी को लेकर?
इस शादी को लेकर स्थानीय लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ लोग इसे व्यक्तिगत आज़ादी और सहमति का अधिकार बता रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह सामाजिक परंपराओं से अलग कदम है। हालांकि, दोनों युवतियां अपने फैसले पर पूरी तरह अडिग हैं।
क्या यह मामला सिर्फ शादी तक सीमित रहेगा?
फिलहाल यह अनोखी शादी पूरे सुपौल जिले में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। यह कहानी केवल एक शादी की नहीं, बल्कि बदलते समाज, सोच और रिश्तों की भी झलक दिखाती है। यह घटना बताती है कि आज के समय में रिश्ते कैसे बनते और बदलते हैं। इंस्टाग्राम की दोस्ती से मंदिर की शादी तक का यह सफर लोगों के लिए हैरानी और बहस का विषय बन गया है।


