बिहार में करोड़ों के नोट जलाने वाले इंजीनियर विनोद कुमार राय के घर फिर EOU की छापेमारी हुई। पत्नी और परिवार फरार हैं और पटना का आवास सील कर दिया गया है। आय से अधिक संपत्ति मामले में कड़ी कार्रवाई जारी है।
पटनाः बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम के तहत ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय के ठिकानों पर एक बार फिर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने छापेमारी की है। यह कार्रवाई वित्तीय जांच और आय से अधिक संपत्ति के नए मामले के तहत की गई है। ईओयू की टीम गुरुवार को विनोद कुमार राय के पटना, समस्तीपुर और सीतामढ़ी के ठिकानों पर पहुंची, लेकिन जैसे ही टीम पटना में उनके आवास पर पहुंची, तो विनोद की पत्नी समेत परिवार के सभी सदस्य घर छोड़कर फरार हो गए।
EOU ने सील किया आवास
इस कड़ी कार्रवाई के बाद ईओयू ने इंजीनियर के पटना स्थित आवास को सील कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि अब न्यायालय से गिरफ्तारी व जांच के लिए वारंट मिलने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विनोद राय की पत्नी पहले से ही भ्रष्टाचार के एक मामले में नामजद आरोपी हैं और ईओयू उनकी गिरफ्तारी की भी तैयारी कर रही है।
करोड़ों के नोट में लगा दिया था आग
जानकारी के अनुसार, विनोद कुमार राय पर करोड़ों की बेहिसाब संपत्ति बनाने का आरोप है। पिछले सप्ताह भी उनकी संपत्ति की जांच के तहत कई ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, जिसमें करोड़ों रुपये और जेवरात जब्त किए गए थे। कुछ महीनों पहले जब ईओयू ने उनके पटना स्थित आवास पर छापा मारा था, तब विनोद और उनकी पत्नी ने करोड़ों के नोट जलाकर नाले में बहा दिए थे, जिससे नाला जाम हो गया था। इस घटना ने पूरे मामले को और गंभीरता दे दी थी।
कठोर कार्रवाई की तैयारी
विभागीय कामों में कथित भ्रष्टाचार और कालेधन की कमाई की जांच में ईओयू लगातार सक्रिय है। इस मामले में विनोद राय और उनके परिवार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी है। पटना, समस्तीपुर और सीतामढ़ी में एक साथ हुई छापेमारी से पता चला है कि विनोद राय की संपत्ति का स्रोत काफी संदेहास्पद है। जांच एजेंसियां उनके दस्तावेज, बैंक खाते, और गुप्त संपत्तियों का संकलन कर रही हैं।
जल्द जारी हो सकता है वारंट
आशंका है कि जल्द ही विनोद कुमार राय और उनकी पत्नी समेत अन्य परिवारजन के खिलाफ वारंट जारी हो सकते हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी। भ्रष्टाचार के इस प्रकरण ने बिहार में प्रशासनिक जवाबदेही की जरूरत पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है, और आम जनता में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
