कदवा विधानसभा चुनाव 2025 में JDU के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने INC के शकील अहमद खान को हराया। इससे पहले 2020 और 2015 में शकील अहमद खान (INC) जीते थे, जबकि 2010 में BJP की जीत हुई थी। क्षेत्र में मुस्लिम-यादव समीकरण निर्णायक है।
Kadwa Assembly Election 2025: कदवा विधानसभा चुनाव 2025 में जनता दल (यूनाइटेड) के दुलाल चंद्र गोस्वामी जीत गए हैं। उन्हें 98728 से ज्यादा वोट मिले। उन्होंने 17876 से ज्यादा वोटों से भारतीय राष्ट्रीय शकील अहमद खान को हराया। उन्हें 80852 से ज्यादा वोट मिले। कदवा विधानसभा चुनाव 2025 (Kadwa Assembly Election 2025) बिहार की राजनीति में सुर्खियों में रही। 2020 के चुनाव में कांग्रेस (INC) नेता डॉ. शकील अहमद खान ने जबरदस्त जीत हासिल कर कदवा की सियासत में नई इबारत लिखी थी।
कदवा विधानसभा में 2020 में क्या हुआ था?
2020 के कदवा विधानसभा चुनाव (Kadwa Vidhan Sabha Election 2020) में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. शकील अहमद खान ने एलजेपी (LJP) के चंद्र भूषण ठाकुर को करारी शिकस्त दी।
- विजेता: शकील अहमद खान (INC) -71,267 वोट
- हारने वाले: चंद्र भूषण ठाकुर (LJP)-38,865 वोट
- जीत का अंतर: 32,402 वोट
खास बात: शकील अहमद खान की सादगी, स्थानीय स्तर पर सक्रियता और मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण का भरपूर फायदा।
नोट: डॉक्ट्रेट डिग्री धारी शकील अहमद खान पर 6 आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। उनके पास Rs 1,48,25,878 की चल- अचल संपत्ति और Rs 12,50,000 रुपए का कर्जा है।
2015 में कांग्रेस को कैसे मिली जीत?
- 2015 में भी इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा।
- विजेता: शकील अहमद खान (INC)-56,141 वोट
- हारने वाले: चंद्र भूषण ठाकुर (BJP)-50,342 वोट
- जीत का अंतर: 5,799 वोट
खास बात: महागठबंधन की ताकत, यादव-मुस्लिम गठजोड़ और कांग्रेस के लिए जमीनी समर्थन।
2010 का चुनाव किसके नाम रहा?
- 2010 में यहां कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
- विजेता: भोला राय (BJP)-38,225 वोट
- हारने वाले: हिमराज सिंह (NCP)-19,858 वोट
- जीत का अंतर: 18,367 वोट
खास बात: भाजपा का मजबूत संगठन और कांग्रेस-आरजेडी की कमजोर रणनीति।
कदवा में जातीय और धार्मिक समीकरण की क्या भूमिका है?
कदवा विधानसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम समुदाय का बड़ा प्रभाव है। यह वोट बैंक अक्सर जीत-हार का फैसला करता है। 2020 में शकील अहमद को इसी समीकरण का सबसे ज्यादा लाभ मिला।
