कटोरिया विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी के पूरन लाल टुडू ने जीत दर्ज की है। उन्हें 94,260 वोट मिले। पूरन लाल टुडू ने 10,986 वोटों के अंतर से आरजेडी की स्वीटी सिमा हेम्ब्रोम को पराजित किया।

Katoria Assembly Election 2025: कटोरिया विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी के पूरन लाल टुडू जीत गए हैं। उन्हें 94260 वोट मिले। पूरन लाल टुडू ने 10986 वोटों से राष्ट्रीय जनता दल के स्वीटी सिमा हेम्ब्रोम को हराया। हेम्ब्रोम को 83274 वोट मिले। बेहद खास यह सीट ST (अनुसूचित जनजाति) आरक्षित है और यहां हर चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलता है। कटोरिया की सबसे बड़ी खासियत यही है कि अब तक यहां किसी दल ने लगातार जीत दर्ज नहीं की है। आइए जानते हैं साल दर साल के नतीजों की पूरी कहानी।

झारखंड की सीमा से सटी हुई है कटोरिया सीट 

कटोरिया विधानसभा झारखंड की सीमा से सटी हुई है। यही वजह है कि यहां झारखंड की पार्टियों जैसे JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) का असर भी दिखता है। संथाल जनजाति की आबादी वाले इस इलाके में वोटों का गणित हर चुनाव में बदल जाता है। 

कटोरिया विधानसभा चुनाव का पूरा इतिहास (2005-2020)

2005 विधानसभा चुनाव: किसने बदली समीकरण की तस्वीर?

  •  2005 के चुनाव में कटोरिया सीट पर राजद (RJD) ने जीत हासिल की।
  •  विजेता: राजकिशोर प्रसाद उर्फ पप्पू यादव (RJD)
  •  हारने वाले: मनोज यादव (BJP)
  •  जीत का अंतर: करीब 9,000 वोट

खास बात: उस समय संथाल समुदाय और अल्पसंख्यक वोटरों ने राजद के पक्ष में मजबूती से वोट किया। भाजपा का उम्मीदवार ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत नहीं बना पाया।

2010 का चुनाव: भाजपा ने ली बढ़त

  •  2010 में कटोरिया विधानसभा में भाजपा (BJP) ने वापसी की।
  •  विजेता: सोनेलाल हेम्ब्रम (BJP) – 32,332 वोट
  •  हारने वाले: सुकलाल बसेरा (RJD) – 23,569 वोट
  •  जीत का अंतर: लगभग 8,763 वोट

खास बात: भाजपा ने संथाल वोटों में सेंधमारी की और जमीनी स्तर पर विकास के मुद्दों को उठाया। राजद का संगठन उस चुनाव में कमजोर दिखा। ्

2015 का चुनाव: राजद की वापसी

  •  2015 में राजद (RJD) ने सीट फिर से जीत ली।
  •  विजेता: स्वीटी सिमा हेम्ब्रम (RJD) – 54,760 वोट
  •  हारने वाली: निक्की हेम्ब्रम (BJP) – 44,423 वोट
  •  जीत का अंतर: लगभग 10,337 वोट

खास बात: महागठबंधन (RJD-JDU-Congress) का असर इस सीट पर साफ दिखा। महिला प्रत्याशी स्वीटी हेम्ब्रम को महिलाओं और संथाल समुदाय से बड़ा समर्थन मिला।

2020 का चुनाव: भाजपा ने फिर मारी बाज़ी

  •  2020 का मुकाबला सबसे दिलचस्प रहा। BJP और RJD दोनों ने महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा।
  •  विजेता: डॉ. निक्की हेम्ब्रम (BJP) – 74,785 वोट
  •  हारने वाली: स्वीटी सिमा हेम्ब्रम (RJD) – 68,364 वोट
  •  तीसरे स्थान पर: अंजेला हांसदा (JMM) – 5,606 वोट
  •  जीत का अंतर: 6,421 वोट

खास बात: इस बार मोदी लहर, भाजपा की संगठनात्मक पकड़ और महिला उम्मीदवार की छवि निर्णायक साबित हुई। स्वीटी हेम्ब्रम को स्थानीय वोट जरूर मिले, लेकिन भाजपा ने रणनीति से सीट छीन ली।

नोट: डॉ. निक्की हेम्ब्रम एसटी समुदाय से आती हैं, उनके पास डॉक्ट्रेट की डिग्री है। करीब Rs 1,32,81,715 रुपए की मालकिन हैं और उनके ऊपर Rs 1,08,00,000 रुपए की देनदारी भी बकाया है।

क्या फिर दोहराई जाएगी 2020 जैसी कहानी?

2020 में यहां महिला बनाम महिला का मुकाबला पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना था। अब 2025 में भी सवाल यही है-क्या भाजपा फिर से निक्की हेम्ब्रम को उतारेगी और क्या राजद फिर से स्वीटी हेम्ब्रम को मैदान में लाएगी?

झारखंड का फैक्टर क्यों है अहम?

कटोरिया सीट पर JMM का वोट बैंक हमेशा निर्णायक भूमिका निभाता है। 2020 में JMM उम्मीदवार को लगभग 5,600 वोट मिले थे। अगर ये वोट महागठबंधन में एकजुट हो जाते हैं तो भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।