मोकामा चुनाव 2025 में JDU के अनंत सिंह और RJD की वीणा देवी के बीच मुकाबला है। असल जंग बाहुबली अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के बीच है। सूरजभान ने अनंत के विरोधी सोनू से हाथ मिलाकर भूमिहार वोटों को विभाजित करने की रणनीति अपनाई है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा की सीट एक बार फिर सियासी अखाड़े में बदल गई है, जहां मुकाबला अब सिर्फ दलों का नहीं, बल्कि दो शक्तिशाली बाहुबली नेताओं की विरासत का है। एक ओर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के टिकट पर पूर्व विधायक अनंत सिंह चुनावी मैदान में हैं, जिन्हें उनके समर्थक प्यार से 'छोटे सरकार' कहकर पुकारते हैं, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को मैदान में उतारा है। मोकामा में मुकाबला भले ही अनंत सिंह बनाम वीणा देवी दिख रहा हो, लेकिन असल जंग अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के बीच है। इसी महामुकाबले के बीच सूरजभान सिंह ने एक ऐसा 'मास्टरस्ट्रोक' खेला है, जिसने मोकामा का राजनीतिक तापमान सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है।

'छोटे सरकार' के किले में सेंधमारी 

हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, बाहुबली नेता सूरजभान सिंह अनंत सिंह के कट्टर विरोधी सोनू और मोनू के घर पहुंचे। सूरजभान सिंह ने सोनू से मुलाकात की, जिसका सोनू ने गर्मजोशी से अभिनंदन किया। सूरजभान सिंह का प्रतिद्वंदी खेमे के सबसे बड़े दुश्मन के घर जाना, एक बड़ी राजनीतिक रणनीति की ओर इशारा करता है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब मोकामा गोलीकांड मामले में अनंत सिंह और सोनू हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं, जबकि मोनू अब भी पुलिस की गिरफ्त में है। मोनू को कुछ दिन पहले ही बेऊर जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट किया है।

सूरजभान सिंह का यह कदम साफ दिखाता है कि वह अनंत सिंह के किले को तोड़ने के लिए 'घर भेदी' रणनीति पर काम कर रहे हैं और 'छोटे सरकार' के खिलाफ गोलबंद हो रहे असंतुष्ट वोटों को एकजुट करना चाहते हैं।

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वर्षों पुरानी दुश्मनी और भूमिहार वोटों का सियासी गणित

मोकामा में चुनावी जंग का निर्णायक फैक्टर भूमिहार मतदाता हैं, जिससे दोनों ही बाहुबली नेता ताल्लुक रखते हैं। इस निर्णायक वोट बैंक का झुकाव जिस ओर अधिक होगा, जीत उसी की होगी। अनंत सिंह और सोनू की दुश्मनी दशकों पुरानी है, जिसकी गूंज अक्सर आपराधिक मामलों और गोलीबारी की घटनाओं में सुनाई देती रही है। इस साल 22 जनवरी को नौरंगा जलालपुर गांव में अनंत सिंह पर हुए जानलेवा हमले में सोनू-मोनू गैंग पर ही केस दर्ज किया गया था।

अब सूरजभान सिंह ने सोनू से हाथ मिलाकर उस एंटी-अनंत सिंह वोट बैंक को साधने की कोशिश की है, जो पारंपरिक रूप से 'छोटे सरकार' का विरोधी रहा है। सूरजभान सिंह (जिन पर आपराधिक मामलों के कारण चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है) इस गठजोड़ के जरिए मोकामा के भूमिहार मतदाताओं को विभाजित करने और अनंत सिंह के गढ़ में सेंध लगाने की बड़ी योजना बना रहे हैं।

मोकामा की जंग अब 'व्यक्तिगत स्वाभिमान' की लड़ाई

सूरजभान सिंह की यह मुलाकात मोकामा में राजनीतिक हलचल को चरम पर ले गई है। बाहुबलियों की इस सीधी भिड़ंत में, सूरजभान सिंह अपने प्रतिद्वंद्वी के सबसे बड़े विरोधी को साथ लेकर, इस चुनाव को व्यक्तिगत स्वाभिमान की लड़ाई बनाना चाहते हैं। अनंत सिंह जहां अपनी पुरानी लोकप्रियता और JDU के समर्थन के सहारे जीत दोहराने की कोशिश में हैं, वहीं सूरजभान सिंह विरोधी खेमे को एकजुट करके उन्हें शिकस्त देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।