रिश्ते को शर्मसार करने वाला ये मामला बिहार के जमुई जिले से सामने आया है। जहां एक साल से लापता लड़की की जानकारी दिल्ली से लौटे मजदूरों ने माता-पिता को दी। मजदूरों ने अपने मोबाइल में लड़की की तस्वीर दिखाई फिर उससे बात भी करवाई तो पता चला कि चाचा-चाची ने भी लड़की को बेहोश कर दिल्ली में बेच दिया था।
एक तरफ जहां लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के मजदूर वापस घर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बिहार के मजदूर वापस अपने काम पर भी जाने लगे हैं। मजदूरों के पलायन का सिलसिला खगड़िया से शुरू हुआ है, जिले के 222 मजदूर स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना गए।
कोरोना की जद में बिहार के 32 जिले हैं। 102 मरीजों के साथ मुंगेर राज्य का बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट है। संक्रमितों में से 30 स्वस्थ हो चुके हैं।
क्रू में शामिल लोगों ने बताया कि स्थानीय सुशील सिंह और सिंटू सिंह स्कूल में पहुंच कर यूनिट की लड़कियों का वीडियो बना रहा था। विरोध करने पर मारपीट की गई। यूनिट की महिलाओं के साथ भी धक्का-मुक्की की।
पुराने विवाद में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता ने दूसरे गांव में पहुंचकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई। गोलीबारी में चार लोग जख्मी हो गए। जिसमें अभी तक दो की मौत हो चुकी है।
मर्डर में शामिल आरोपी पति संतोष भगत, साली अंजली, सुपारी लेकर हत्या करने वाले सुबोध सिंह और प्रकाश सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सभी ने अपना अपराध कबूल किया है।
लाश देखने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि लड़की के साथ पहले रेप किया गया है। उसके बाद अपराधी ने पहचान छिपाने के लिए लड़की के दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया गया।
क्रूरता के नंगे नाच का ये मामला गया के मगध विश्वविद्यालय के थाना क्षेत्र के शिवगंज गांव का है। जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार ने किसी से जमीन खरीदी थी। लेकिन आरोपी दबंग पक्ष के लोग उसी जमीन के एवज में और पैसे मांग रहे थे।
बिहार में लाए जा रहे प्रवासी मजूदरों को 21 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि इन सेंटरों पर पूरी व्यवस्था की गई है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए 24 मार्च से जारी लॉकडाउन में पूरे देश में कल-कारखाने बंद है। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी कम हुई है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। जिसका नतीजा भी अब दिखने लगा है।