सार
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले(Pulwama terror attack) की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 फरवरी) को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि"हम उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।"
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले(Pulwama terror attack) की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 फरवरी) को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि"हम उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।" मोदी ने अपने आफिसियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि पुलवामा में इस दिन हमने जिन वीर नायकों को खोया। उन्हें याद कर रहा हूं। हम उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। उनका साहस हमें एक मजबूत और विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरित करता है।
जानिए पूरी डिटेल्स...
14 फरवरी, 2023 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की चौथी बरसी है। इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ कर्मियों के एक काफिले पर 4 फरवरी, 2019 को पुलवामा जिले के लेथपोरा में एक आत्मघाती हमलावर ने हमला किया था।
जांच में सामने आया था कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े पुलवामा के स्थानीय निवासी आदिल अहमद डार नाम के एक व्यक्ति ने किया था। उसने अपने वाहन से सीआरपीएफ के काफिले में टक्कर मार दी थी। हालांकि बाद में जवाबी हमले में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था।
जब यह हमला हुआ, तब CRPF के काफिले में 78 बसें थीं। इनमें 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट स्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकवादियों को मार गिराया था।
बरसी पर बोले ADGP कश्मीर
ADGP कश्मीर विजय कुमार ने कहा-जैश का कोई भी पुराना आतंकवादी नहीं बचा है। अभी 7-8 स्थानीय जैश के आतंकवादी हैं और 5-6 आतंकवादी पाकिस्तानी हैं, पिछले 6 महीने से जैश स्थानीय मॉड्यूल बढ़ा रहा है। हमारा फोकस नार्को टेररिस्ट और टेरर फंडिग पर है। 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले में 19 आतंकवादी शामिल थे, जिसमें 8 मारे गए हैं और 7 जेल में बंद हैं। बाकी के 4 में से 3 पाकिस्तानी हैं और एक और आतंकवादी जो कश्मीर का है, वह भी पाकिस्तान में जिंदा है। पिछले 3 सालों में जैश की कमर टूटी है।
IG कश्मीर OPS सेक्टर CRPF, पुलवामा एमएस भाटिया ने कहा-आज के दिन हमारे जितने भी जवान शहीद हुए थे, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं। पुलवामा की घटना के बाद कश्मीर के हालात में काफी सुधार हुए हैं। लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं। हम वैली से आतंकवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
दिग्विजय के tweet से विवाद
पुलवामा अटैक मामले में दिग्विजय सिंह के विवादास्पद tweet से राजनीति गर्मा गई है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा-मुझे लगता है कि दिग्विजय जी की बुद्धि फेल हो गई है, यह उसका फेलियर है। वे देश की सेना का अपमान करते हैं। जांच दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पार्टी के डीएनए की होनी चाहिए, जो भारत जोड़ने के नाम पर तोड़ने वालों के साथ यात्रा करती है।
बरसी के एक दिन पहले पकड़े गए दो आतंकी
पुलवामा हमले की बरसी के एक दिन पहले यानी 13 फरवरी को पुलवामा जिले में ही सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार, नैना भटपोरा गांव में हथियारों और गोला-बारूद की डिलीवरी को लेकर खुफिया जानकारी मिली थी। इस सूचना पर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स की एक टीम ने सर्चिंग शुरू की। जब स्कूटी सवार दो संदिग्धों को रोका गया, तो इनके बैग से हथियार बरामद हुए। दोनों हथियार सप्लाई करते थे।
पकड़े गए आतंकी सहयोगियों की पहचान शौकत अहमद डिगू और उसके नाबालिग चचेरे भाई के रूप में हुई है। शौकत अहमद ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार कि वो जेल में बंद उसके ही गांव के रहने वाले फिरदौस अहमद भट के संपर्क में था। यह गोला-बारूद पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमले करने के लिए लाया गया था। इनके पास से चीन निर्मित 25 ग्रेनेड, एक पिस्टल, दो मैगजीन, 230 राउंड,10 एके मैगजीन व 300 कारतूस बरामद हुए हैं।
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