2025 के रामगढ़ विधानसभा चुनाव में कैमूर ज़िले की इस महत्वपूर्ण सीट पर बसपा ने आश्चर्यजनक जीत हासिल की। सतीश कुमार सिंह यादव ने भाजपा से कांटे की टक्कर में अपनी बढ़त बनाए रखी और जीत हासिल की।
Ramgarh Assembly Election 2025: रामगढ़ विधानसभा (Ramgarh Assembly) बिहार की कैमूर जिले की अहम सीट मानी जाती है। इस सीट पर 2025 में बसपा (BSP) ने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया है। सतिश कुमार सिंह यादव के बीच बीजेपी के साथ कांटे की टक्कर थी।
2024 उपचुनाव: बीजेपी की वापसी
2024 के उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह ने बसपा के सतीश कुमार यादव को 1,362 वोटों से हराया। अशोक सिंह को कुल 62,257 वोट मिले, जबकि बसपा के सतीश कुमार यादव को 60,895 वोट मिले। राजद (RJD) तीसरे नंबर पर रही। यह जीत बीजेपी के लिए बड़ी राहत थी, क्योंकि 2020 में पार्टी तीसरे स्थान पर चली गई थी।
2020 विधानसभा चुनाव: आरजेडी का पलड़ा भारी
2020 के चुनाव में आरजेडी के सुधाकर सिंह ने बेहद कांटे की टक्कर में जीत दर्ज की। सुधाकर सिंह को 58,083 वोट मिले, जबकि बसपा के अंबिका यादव को 57,894 वोट मिले। जीत का अंतर सिर्फ 189 वोट रहा। इस बार बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को 56,084 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे।
2015 विधानसभा चुनाव: बीजेपी की मजबूती
2015 में अशोक कुमार सिंह (BJP) ने 57,501 वोट हासिल कर आरजेडी के अंबिका सिंह (49,490 वोट) को 8,011 वोटों से हराया। इस जीत से बीजेपी ने रामगढ़ पर मजबूत पकड़ बनाई थी।
2010 विधानसभा चुनाव: आरजेडी का जलवा
2010 में आरजेडी के अंबिका सिंह ने 30,787 वोट हासिल कर अशोक कुमार सिंह को मात दी। उस समय अशोक कुमार सिंह निर्दलीय उम्मीदवार थे और उन्हें 27,809 वोट मिले थे।
जातीय समीकरण और राजनीतिक मायाजाल
रामगढ़ सीट पर यादव, भूमिहार और दलित वोटर्स की बड़ी संख्या है। यही समीकरण हर चुनाव में परिणाम तय करते हैं। आरजेडी को यादव और मुस्लिम वोटर्स का साथ मिलता है, जबकि बीजेपी को भूमिहार और ऊपरी जातियों का समर्थन। बसपा भी दलित वोट बैंक पर नजर रखती है।
प्रत्याशियों की प्रोफाइल और रहस्य
- 1. सुधाकर सिंह (RJD): 2020 के विजेता, बड़े नेता और मजबूत यादव वोट बैंक। दो आपराधिक केस हैं। स्नातक तक पढ़ाई करने वाले सुधाकर सिंह के पास पांच करोड़ की चल-अचल संपत्ति है और 72 लाख की लायबिलिटी है।
- 2. अशोक कुमार सिंह (BJP): लंबे समय से सक्रिय, संपत्ति और संगठन में प्रभावशाली।
- 3. अंबिका सिंह (पूर्व RJD, बाद में BSP): कई बार किस्मत आजमा चुके, लेकिन 2024 में हार का सामना।
