Raniganj Assembly Election 2025: रानीगंज सीट पर RJD के अविनाश मंगलम ने कड़े मुकाबले में JDU के अचमित ऋषिदेव को 8,530 वोटों से हराया। अविनाश को मिले 1,11,590 वोट। जनसुराज के कृत्यानंद राम 3,183 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

Raniganj Assembly Election 2025: रानीगंज विधानसभा चुनाव 2025 (Raniganj Vidhan Sabha Seat) के लिए JDU ने अचमित ऋषिदेव को RJD कैंडिडेट अविनाश मंगलम ने 8530 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। अविनाश मंगलम को 111590 वोट जबकि अचमित ऋषिदेव 103060 वोट मिले। बिहार के अररिया जिले की सबसे अहम सीटों में से एक रानीगंज सीट पर जनसुराज पार्टी प्रत्याशी कृत्यानंद राम 3183 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।

2020 रानीगंज विधानसभा चुनाव परिणाम

2020 का चुनाव बेहद करीबी रहा।

  • अचमित ऋषिदेव (JD(U))- 81,901 वोट
  • अविनाश मंगला (RJD)- 79,597 वोट
  • जीत का अंतर- 2,304 वोट

नोट: यह नतीजा दिखाता है कि यहां आरजेडी और जेडीयू के बीच वोटरों का झुकाव बराबर बंटा है। महागठबंधन की उम्मीदें यहां टूट गईं और जेडीयू ने अपनी पकड़ बनाए रखी।

2015 रानीगंज विधानसभा चुनाव परिणाम

2015 में जेडीयू ने बीजेपी को पटखनी दी।

  • अचमित ऋषिदेव (JD(U)) - 77,717 वोट
  • रामजी दास ऋषिदेव (BJP)- 62,787 वोट
  • जीत का अंतर - 14,930 वोट

नोट: यह जेडीयू के लिए बड़ी जीत थी जिसने भाजपा का दबदबा तोड़ा और अचमित ऋषिदेव को मजबूत नेता बना दिया।

2010 रानीगंज विधानसभा चुनाव परिणाम

  • 2010 में यह सीट बीजेपी के पास थी।
  • परमानंद ऋषिदेव (BJP)- 65,111 वोट
  • शांति देवी (RJD) - 41,458 वोट
  • जीत का अंतर- 23,653 वोट

नोट: उस समय भाजपा का क्षेत्र में मजबूत दबदबा था।

जातीय समीकरण और राजनीतिक महत्व

रानीगंज विधानसभा सीट पर दलित, महादलित, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यादव और सवर्ण वोट भी यहां की राजनीति को दिशा देते हैं। यही वजह है कि हर पार्टी यहां जातीय समीकरण साधने में जुटती है।

प्रत्याशी प्रोफाइल (2020 तक उपलब्ध जानकारी)

  • अचमित ऋषिदेव (JD(U)) - 2 बार से विधायक, शिक्षा में कोई डिग्री नहीं है, क्षेत्रीय स्तर पर अच्छी पकड़।
  • अविनाश मंगला (RJD)- युवा चेहरा, पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटों पर पकड़।
  • परमानंद ऋषिदेव (BJP) - 2010 के विजेता, संगठन में मजबूत।

नोट: इनके खिलाफ बड़े आपराधिक मामले दर्ज नहीं मिले। संपत्ति विवरण चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामों में दर्ज होते हैं, जहां जेडीयू और आरजेडी प्रत्याशी करोड़ों की संपत्ति वाले बताए जाते रहे हैं।