लालू परिवार में विवाद गहराया है। बेटी रोहिणी के बाद, उनके मामा साधु और सुभाष यादव भी तेजस्वी के खिलाफ हो गए हैं। उन्होंने तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव पर परिवार व पार्टी को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए उनके नेतृत्व पर हमला किया है।
लालू प्रसाद यादव के परिवार में बेटी रोहिणी आचार्य के भावनात्मक विद्रोह के बाद, अब राबड़ी देवी के दोनों भाई, लालू के साले साधु यादव और सुभाष यादव अपनी भांजी के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। दोनों मामाओं ने न केवल रोहिणी का समर्थन किया है, बल्कि तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव को 'नौकर' बताते हुए तेजस्वी के नेतृत्व और कार्यशैली पर तीखा प्रहार किया है।
सुभाष यादव का विस्फोटक हमला
सुभाष यादव ने संजय यादव की भूमिका पर सबसे तीखा प्रहार किया, जिसके केंद्र में बाहरी हस्तक्षेप और ब्लैकमेलिंग का आरोप है। सुभाष यादव ने कहा कि संजय यादव तो 'घर का नौकर' है और उनके सामने वह महीने पर बहाल होकर आया था, जिसे पार्टी हर महीने एक लाख रुपये देती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वह न कोई पार्टी का कार्यकर्ता है और न ही परिवार का सदस्य, बल्कि ब्लैकमेलिंग करके राज्यसभा का सदस्य बन गया है। उन्होंने हरियाणा के लोगों पर लालू परिवार को फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि संजय यादव ने तेजस्वी को फंसा दिया और पार्टी तथा परिवार को खत्म कर दिया।
सुभाष यादव ने तेजस्वी यादव पर भी निशान साधते हुए कहा कि वह संजय के भरोसे अपने दिन के "12 बजे सोकर उठते हैं।" उन्होंने तंज कसा कि बिहार की जनता चाहती है कि उनका नेता सुबह 5 बजे मिले। उन्होंने तेज प्रताप यादव को तेजस्वी से 'ज्यादा योग्य' बताया।
साधु यादव का समर्थन और चेतावनी
साधु यादव ने अपनी भांजी रोहिणी आचार्य का पुरजोर समर्थन किया और तेजस्वी की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग की। साधु यादव ने कहा कि मां-बाप का घर सिर्फ तेजस्वी यादव का नहीं है, रोहिणी आचार्य समेत उनकी और भी जो बहनें हैं, उन सभी का भी है। सबको पूरा सम्मान और पूरा अधिकार मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि "तेजस्वी यादव की मनमानी बहुत हो गई, घर परिवार और पार्टी को बचाने के लिए अब तेजस्वी को सबक सिखाना ही पड़ेगा। क्योंकि तेजस्वी ने पार्टी और परिवार दोनों को बर्बाद कर दिया है।" साधु यादव ने संजय यादव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि "परिवार के बीच में कोई बाहरी आदमी उंगली डालेगा तो उसकी उंगली काट दी जाएगी। यह काम कोई और नहीं बल्कि साधु यादव करेगा।"
लालू की नजरबंदी पर इनकार
लालू यादव को घर में नजरबंद करने के भाजपा नेता अजय आलोक के आरोपों पर साधु यादव ने असहमति जताई। उन्होंने कहा कि "किसी में इतनी ताकत नहीं है जो लालू प्रसाद यादव को नजर बंद कर ले। जब तक साधु यादव है कोई भी लालू प्रसाद यादव की तरफ निगाह भी नहीं उठा सकता।" उन्होंने तेज प्रताप को भी इस मामले में आगे आने की सलाह दी, ताकि सब ठीक हो सके। यह विवाद अब लालू परिवार की पुरानी और नई पीढ़ी के बीच खुलकर सामने आ गया है, जिसमें पार्टी की हार और संजय यादव का प्रभाव मुख्य केंद्र बने हुए हैं।
