जहानाबाद में तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने विधायक सुदय यादव का खुलकर विरोध किया। पार्टी के भीतर इस बगावत ने महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जुटे महागठबंधन को जहानाबाद में बड़ा झटका लगा है। जहानाबाद के गांधी मैदान में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने स्थानीय विधायक सुदय यादव के खिलाफ खुलकर विरोध जताया। विरोध इतना तेज़ था कि सभा स्थल पर ही नारे गूंज उठे, “सुदय हटाओ, जहानाबाद बचाओ” और “तेजस्वी से बैर नहीं, सुदय की खैर नहीं”।
सुदय यादव पर कार्यकर्ताओं ने लगाया आरोप
सभा में उमड़ी भीड़ ने तेजस्वी यादव के पहुँचने पर तो उनका भव्य स्वागत किया, लेकिन कुछ ही देर में नारों की गूंज ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि सुदय यादव ने अपने क्षेत्र में विकास कार्यों की राशि का दुरुपयोग किया है और उसे अपने खास समर्थकों में इस राशि को बांटा है। साथ ही उन पर सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की राजनीति से भटकने का आरोप भी लगाया गया।
सभा स्थल पर स्थानीय नेता गजेन्द्र यादव, संजय यादव, मनीष कुमार, मो. सैफ, शाहनवाज इकबाल और मुस्तफा परवीन सहित कई अन्य ने कहा कि तेजस्वी यादव से हमारा कोई बैर नहीं है, लेकिन सुदय यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। उन्होंने जनता के अधिकारों की उपेक्षा कर अपनी राजनीतिक पहुंच का लाभ उठाया है। जब तक उनका टिकट नहीं काटा जाएगा, विरोध जारी रहेगा।
बिहार अधिकार यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी
तेजस्वी यादव की यात्रा की शुरुआत सोमवार को जहानाबाद के गांधी मैदान से हुई थी। दो दिनों से हो रही बारिश के बावजूद शहर की सड़कों पर पोस्टरों और बैनरों से सजावट की गई। उनके स्वागत में कार्यकर्ताओं का जोश चरम पर दिखा, लेकिन इसी बीच विरोध की लहर भी उठी। फिदा हुसैन मोड़ और घोसी मोड़ पर तेजस्वी के काफिले को रोककर नारेबाजी की गई, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल हुए। उन्होंने सीधे तेजस्वी से अपील की कि पार्टी नेतृत्व कार्यकर्ताओं की आवाज सुने और सुदय यादव को टिकट न दे।
काफिला रोक कर भी जताया विरोध
सभा समाप्त होने के बाद तेजस्वी जब इस्लामपुर जाने के लिए रवाना हुए तो विरोध फिर सामने आया। कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोककर विरोध जताया। उनका कहना था कि सुदय यादव ने पार्टी के सिद्धांतों से समझौता कर निजी हितों को प्राथमिकता दी।
आरजेडी का मजबूत गढ़ रहा है जहानाबाद
जहानाबाद विधानसभा को आरजेडी का गढ़ माना जाता है, साल 2000 के बाद राजद ने यहां सिर्फ एक विधानसभा चुनाव हारा है। ऐसे में वहां राजद विधायक का हो रहा विरोध महागठबंधन की एकजुटता के लिए खतरे की घंटी है। 2020 के चुनाव में ये क्षेत्र महागठबंधन के लिए निर्णायक रहा था। यदि टिकट वितरण को लेकर नाराजगी बढ़ती है तो इसका असर न सिर्फ़ जहानाबाद बल्कि अन्य जिलों में भी पड़ सकता है।
तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा का उद्देश्य जनता का विश्वास जीतना और महागठबंधन को मजबूत करना है। लेकिन जहानाबाद में सामने आया यह विरोध पार्टी के लिए चुनौती बन गया है। अब देखना यह होगा कि क्या तेजस्वी यादव कार्यकर्ताओं की नाराजगी को शांत कर चुनावी समीकरण को अपने पक्ष में कर पाएंगे, या यह असंतोष महागठबंधन की राह में रोड़ा बनेगा।
