सोनबरसा विधानसभा चुनाव 2025: रत्नेश सदा ने 2010 से अब तक चौथी बार जीत दर्ज कर सोनबरसा सीट पर मजबूत पकड़ बनाई है।
Sonbarsa Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में सोनबरसा विधानसभा सीट (Sonbarsa Vidhan Sabha Seat) हमेशा से चर्चा में रही है। जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा (Ratnesh Sada JDU) ने इस सीट से लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है, जिससे उनकी पकड़ और लोकप्रियता साफ झलकती है।
2010 का सोनबरसा विधानसभा चुनाव: पहली जीत और पहचान
2010 Sonbarsa Election में जदयू के रत्नेश सदा ने पहली बार जीत हासिल की। उन्होंने एलजेपी (LJP) की सरिता देवी को हराकर राजनीतिक पारी की शुरुआत की। इस चुनाव में रत्नेश सदा को 56,633 वोट मिले, जबकि सरिता देवी को 25,188 वोट मिले। जीत का अंतर रहा 31,445 वोट, जिसने उन्हें क्षेत्र में एक मजबूत नेता के रूप में पहचान दिलाई।
2015 का सोनबरसा विधानसभा चुनाव: शानदार बहुमत
2015 Sonbarsa Election रत्नेश सदा के लिए बड़ी जीत का साल रहा। उन्होंने फिर से एलजेपी की सरिता देवी को हराया। इस बार जीत का अंतर और भी बढ़ा। रत्नेश सदा को 88,789 वोट मिले, जबकि सरिता देवी को सिर्फ 35,026 वोट। यानी जीत का अंतर रहा 53,763 वोट, जिसने जदयू की स्थिति को और मजबूत कर दिया।
2020 का सोनबरसा विधानसभा चुनाव: हैट्रिक जीत
2020 Sonbarsa Election में रत्नेश सदा ने तीसरी बार जीत दर्ज की। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस (INC) के तारणी ऋषिदेव से हुआ। नतीजे में रत्नेश सदा को 67,678 वोट मिले, जबकि तारणी ऋषिदेव को 54,212 वोट। जीत का अंतर रहा 13,466 वोट। इस चुनाव ने रत्नेश सदा की हैट्रिक पूरी कर दी।
सोनबरसा सीट क्यों है खास?
- लगातार रत्नेश सदा का दबदबा
- SC आरक्षित सीट, दलित वोटरों की निर्णायक भूमिका
- जदयू बनाम कांग्रेस और एलजेपी का मुकाबला
- हर चुनाव में सत्ता समीकरण पर असर
सोनबरसा विधानसभा चुनाव 2025 में समीकरण
अब सवाल यही है कि क्या रत्नेश सदा चौथी बार जीत दर्ज करेंगे? या फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल यहां कोई करिश्मा दिखा पाएंगे? सोनबरसा की राजनीति हमेशा रहस्यमय और सस्पेंस से भरी रहती है।
