2025 के सूर्यगढ़ा विधानसभा चुनाव में लखीसराय ज़िले की इस सीट पर जेडीयू के रामानंद मंडल ने जीत हासिल की। ​​उन्हें एक लाख से ज़्यादा वोट मिले। जेडीयू ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए कभी सीपीआई का गढ़ रही इस सीट पर मज़बूत पकड़ बना ली है।

Suryagarha Assembly Election 2025: बिहार की सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट (Suryagarha Vidhan Sabha Seat) लखीसराय जिले में आती है और मुंगेर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यह सीट कभी सीपीआई का गढ़ मानी जाती थी,साल 2025 में जेडीयू के सिपाही ने तीर निशाने पर लगे। रामानंद मंडल 1 लाख से अधिर वोट लाकर जीत हासिल की।

सूर्यगढ़ा विधानसभा का राजनीतिक इतिहास

सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर 1980 और 90 के दशक में सीपीआई का दबदबा रहा। लेकिन 2000 के बाद धीरे-धीरे सीपीआई का ग्राफ गिरता गया और यहां बीजेपी और आरजेडी का मुकाबला शुरू हो गया।

2010 का चुनाव: बीजेपी की जीत

2010 के चुनाव में बीजेपी के प्रेम रंजन पटेल ने आरजेडी के प्रह्लाद यादव को हराया। प्रेम रंजन पटेल को 49,511 वोट मिले जबकि प्रह्लाद यादव को 46,583 वोट मिले। करीब 3,000 वोटों के अंतर से बीजेपी ने यहां पहली बार जीत दर्ज की और यह सीट सीपीआई से खिसककर सीधे बीजेपी के पाले में चली गई।

2015 का चुनाव: आरजेडी की वापसी

2015 में इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ। आरजेडी से प्रह्लाद यादव ने बीजेपी प्रत्याशी प्रेम रंजन पटेल को हराकर बदला लिया। प्रह्लाद यादव को 82,490 वोट मिले, जबकि प्रेम रंजन पटेल को 52,460 वोट मिले। इस बार 30,000 वोटों से अधिक के अंतर से आरजेडी ने शानदार जीत दर्ज की और सीट अपने कब्जे में कर ली।

2020 का चुनाव: फिर आरजेडी की जीत

2020 में भी आरजेडी के प्रह्लाद यादव ने जीत दोहराई। उन्होंने जेडीयू के रामानंद मंडल को हराया। प्रह्लाद यादव को 62,306 वोट मिले, जबकि रामानंद मंडल को 52,717 वोट मिले। इस बार 10,000 वोटों से अधिक के अंतर से जीत मिली। वहीं लोजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद सिंह को 44,797 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे।

जातीय और सामाजिक समीकरण

सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में लगभग 3.38 लाख वोटर हैं, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण हैं। अनुसूचित जाति के वोटरों की संख्या लगभग 50,040 है (14.7%), अनुसूचित जनजाति लगभग 5,522 (1.6%) और मुस्लिम वोटर लगभग 11,858 (3.5%) हैं। जातीय समीकरण यहां के चुनावों में बड़ा रोल निभाते हैं।

2025 का चुनाव क्यों है खास?

सूर्यगढ़ा में सीपीआई का खत्म होता असर, बीजेपी की चुनौती और आरजेडी का दबदबा-यह तीनों फैक्टर 2025 के चुनाव को बेहद रोचक बनाते हैं। अब देखना होगा कि क्या आरजेडी के प्रह्लाद यादव हैट्रिक बनाएंगे या बीजेपी और जेडीयू मिलकर इस सीट पर वापसी करेंगे।