Tejashwi Yadav voter ID controversy: तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है और उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है। उन्होंने इसे एक साज़िश बताया और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। जवाब में, आयोग ने क्या कहा जानिए…
Bihar Election 2025: बिहार में अंतिम मतदाता सूची से पहले चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को ड्राफ्ट जारी किया था। ड्राफ्ट जारी होने के एक दिन बाद ही इस पर सियासी घमासान शुरू हो गया। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए और दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में उनका नाम नहीं है। इसके बाद चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी का नाम उसमें है।
तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर लगाए एक और आरोप
इसके बाद तेजस्वी ने फिर आरोप लगाया कि उनका अपना EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र संख्या) बदल दिया गया है। इस बार पटना के DM की ओर से स्पष्टीकरण आया, जिसमें कहा गया कि विपक्ष के नेता का नाम उसमें है। तेजस्वी का आरोप गलत है। हालांकि, मतदाता सूची से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा। उससे पहले ही बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है और उसे चाटुकार आयोग कह रहा है। चुनाव आयोग द्वारा कल जारी किए गए ड्राफ्ट के बाद, तेजस्वी के आरोपों तक, आइए इस पूरे मामले को क्रमवार समझते हैं।
चुनाव आयोग का ड्राफ्ट और तेजस्वी के आरोप
चुनाव आयोग ने शुक्रवार, 1 अगस्त को मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी किया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मेरा नाम इसमें नहीं है। तेजस्वी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान मतगणना फॉर्म भरा था। लेकिन मेरा नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। मैं विधानसभा चुनाव कैसे लड़ूंगा?' तेजस्वी यादव ने कहा कि जब उन्होंने चुनाव आयोग के पोर्टल पर अपना ECIP (इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड) नंबर RAB2916120 खोजा, तो उसमें 'नो रिकॉर्ड्स फाउंड' लिखा आया। हालांकि, चुनाव आयोग ने तुरंत तेजस्वी की तस्वीर वाली सूची जारी कर दी और तेजस्वी का नाम हटाए जाने के आरोप को खारिज कर दिया।
चुनाव आयोग ने सफाई में क्या कहा?
चुनाव आयोग ने राजद नेता तेजस्वी यादव के आरोपों का खंडन करते हुए एक फैक्ट चेक जारी किया है और स्पष्ट किया है कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में पूरी तरह से शामिल है। आयोग ने सबूत के तौर पर मतदाता सूची भी सार्वजनिक की है, जिसमें तेजस्वी यादव की तस्वीर, नाम, उम्र, पिता का नाम और मकान नंबर साफ़ तौर पर दर्ज हैं। चुनाव आयोग ने कहा, हम मतदाता सूची की प्रति साझा कर रहे हैं। उनसे अनुरोध है कि वे सूची को ध्यान से देखें - उनका नाम इसमें दर्ज है।
'मेरा EPIC बदल दिया गया है, पता नहीं कितने लोगों के नंबर बदले होंगे'
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फिर आरोप लगाया कि उनका EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र संख्या) बदल दिया गया है। उन्होंने इसे एक "साज़िश" करार दिया है और आशंका जताई है कि इससे कई लोगों के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं।
तेजस्वी ने क्या कहा
अगर मेरा EPIC नंबर बदला जा सकता है, तो कितने लोगों के EPIC नंबर बदले गए होंगे?' EPIC नंबर एक विशिष्ट कोड होता है जो हर मतदाता को दिया जाता है। इसके ज़रिए मतदाता की पहचान सुनिश्चित होती है। वहीं, चुनाव आयोग के पूर्व संयुक्त निदेशक मो अमीन ने कहा, किसी का भी EPIC नंबर नहीं बदला जा सकता। पटना के ज़िलाधिकारी (DM) डॉ. त्यागराजन एसएम ने राजद नेता तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची से हटाए जाने के आरोप का साफ़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में मौजूद है और उनके दावे तथ्यात्मक रूप से ग़लत हैं।
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DM त्यागराजन ने क्या कहा?
डॉ. त्यागराजन ने बयान में कहा, 'विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में ज़रूर मौजूद है। उनका नाम हटाए जाने का दावा पूरी तरह से ग़लत है। वह अभी भी उसी बूथ पर पंजीकृत हैं जहाँ वह पहले मतदान करते थे और यह जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है, जिसे कोई भी देख सकता है।' उन्होंने आगे कहा कि पटना ज़िले के सभी मतदाताओं से अपील है कि वे धैर्य रखें और अपने नाम या EPIC नंबर के ज़रिए ड्राफ्ट मतदाता सूची में अपनी जानकारी की पुष्टि करें।
कोई भ्रम नहीं है- डीएम
DM ने साफ़ कहा, 'इसमें किसी भी तरह का कोई भ्रम नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो चाहे, पब्लिक पोर्टल पर जाकर अपना नाम देख सकता है। चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और सभी मतदाताओं को इस पर भरोसा करना चाहिए। इस समय इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और विपक्ष के बीच राजनीतिक घमासान चल रहा है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि जिन लोगों को मृत घोषित करके मतदाता सूची से नाम हटा दिए गए हैं, वे अभी भी जीवित हैं।
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चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया आई
इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा...
- स्वच्छ मतदाता सूची किसी भी लोकतंत्र की नींव होती है।
- एसआईआर के अनुसार, दावे और आपत्तियों की अवधि पूरा एक महीना है - 1 अगस्त से 1 सितंबर तक।
- यदि किसी पात्र व्यक्ति का नाम सूची से छूट गया है या किसी अपात्र व्यक्ति का नाम शामिल है, तो वे अपनी पार्टी के 47,506 बीएलए से दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कहें।
- पिछले 24 घंटों में, राजद समेत किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी बीएलए ने बीएलओ के समक्ष एक भी मामला नहीं उठाया है।
- उनके सभी बीएलए ने 1 अगस्त को उन्हें उपलब्ध कराई गई बूथवार ड्राफ्ट सूचियों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करने पर सहमति व्यक्त की है।
- चुनाव आयोग यह समझ नहीं पा रहा है कि वे लगातार यह बेबुनियाद आरोप क्यों लगा रहे हैं कि उनका नाम सूची में नहीं है, वगैरह।
