जशपुरनगर, छत्तीसगढ़. कोरोना संकट ने पूरी दुनिया की जीवनशैली बदल दी है। रोजगार की संभावनाएं कम हुई हैं। कई लोगों को जॉब से हाथ धोना पड़ा, जबकि कई इसी चिंता में रहते हैं कि पता नहीं, कब नौकरी चली जाए। नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में लोग गांवों से शहरों की ओर पलायन करते हैं। लेकिन इस युवा ने शहर छोड़कर गांव में रहकर खेती-किसानी करना उचित समझा। यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जिनके पास खेत हैं, फिर भी वे शहर जाकर नौकरी करना पसंद करते हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही थी। यह किसान इसी का एक उदाहरण है। यह हैं दुलदुला ब्लॉक के एक छोटे से गांव सिरिमकेला के रहने वाले अरविंद साय। MBA करने के बाद ये पुणे में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहे थे। सैलरी अच्छी-खासी थी, लेकिन इन्हें आत्मनिर्भर बनना था। ये नौकरी छोड़कर गांव आए और खेती किसानी करने लगे। आज इनके साथ 20 लोगों की टीम है। सबका खर्चा निकालने के बाद अब ये डेढ़ करोड़ रुपए सालाना का टर्न ओवर हासिल कर चुके हैं।