Delhi Shocking Murder Mystery: दिल्ली के पटेल नगर में 26 वर्षीय घरेलू सहायिका ने बाथरूम में प्रसव के बाद नवजात का गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को कूड़ेदान में फेंका गया। वारदात के पीछे प्रेमी का धोखा और सामाजिक कलंक का दर्दनाक सच छिपा है।
Delhi Patel Nagar Crime News: राजधानी के पटेल नगर में एक ऐसी खौफनाक वारदात सामने आई जिसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। 26 वर्षीय घरेलू सहायिका रोशनी (मूल रूप से रायबरेली, उत्तर प्रदेश निवासी) को अपने नियोक्ता के बाथरूम में प्रसव के बाद नवजात शिशु की गला घोंटकर हत्या करने और शव को कूड़ेदान में फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह सनसनीखेज घटना पुलिस को 28 जुलाई को मिली पीसीआर कॉल के बाद पता चली।
प्रेमी का धोखा-क्या इसी ने बदल दी महिला की ज़िंदगी?
पुलिस के अनुसार, नवंबर 2024 में रोशनी अपने गाँव एक शादी में शामिल होने गई थी, जहाँ उसने अपने प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध बनाए। दिल्ली लौटने पर गर्भावस्था का पता चलने के बाद उसने प्रेमी को जानकारी दी, लेकिन उसने साथ देने से इनकार कर दिया। सामाजिक कलंक और आर्थिक कठिनाइयों के डर से रोशनी ने यह बात अपने नियोक्ताओं से छिपाई। पेट की बढ़ती सूजन को उसने ‘बीमारी’ बताकर टाल दिया, जबकि नियोक्ताओं ने डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी।
वारदात का दिन-बाथरूम बना मौत का गवाह
26 जुलाई को, जब घर के मालिक किसी पार्टी में गए थे, रोशनी ने अकेले बाथरूम में बच्चे को जन्म दिया। पुलिस के अनुसार, उसने कबूल किया कि सामाजिक बदनामी के डर से उसने कपड़े के टुकड़े से नवजात का गला घोंट दिया और शव को प्लास्टिक बैग में डालकर इमारत के कूड़ेदान में फेंक दिया।
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कैसे हुआ राज़ का खुलासा?
दो दिन बाद, कचरा इकट्ठा करते समय एक सफाई कर्मचारी को सफेद प्लास्टिक बैग मिला जिसमें नवजात का शव था। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। क्राइम टीम ने मौके पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किए और शव को पोस्टमार्टम के लिए आरएमएल अस्पताल भेजा। रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई।
कानूनी कार्रवाई-कौन-कौन फंसेगा इस केस में?
पटेल नगर पुलिस ने महिला के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 103(1) (हत्या) और 238(ए) (साक्ष्य मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया। गिरफ्तारी से पहले रोशनी को लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल के ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ में रखा गया था। पुलिस रायबरेली में रहने वाले उसके प्रेमी से भी पूछताछ करेगी और दोषी पाए जाने पर उसे भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे क्राइम-क्या घरेलू सहायिकाओं पर निगरानी जरूरी?
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में फैले डर, कलंक और असुरक्षा की तस्वीर पेश करती है। दिल्ली में घरेलू सहायिकाओं से जुड़े कई क्राइम केस सामने आ रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या नियोक्ताओं और प्रशासन को समय रहते सतर्क होना चाहिए?
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