सार
फरीदाबाद की करीब 66 साल पुरानी विजय रामलीला कमेटी पर सोमवार को नगर निगम का बुलडोजर चला। कमेटी की धर्मशाला में 20 दुकानें बनी थी। पांच घंटे तक चली कार्रवाई में निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई हुई।
फरीदाबाद। शहर की सबसे पुरानी विजय रामलीला कमेटी पर सोमवार को बुलडोजर चला। नगर निगम के दस्ते ने करीब 66 साल पुरानी कमेटी की धर्मशाला को जमींदोज कर दिया। वर्ष 1957 में कमेटी की शुरुआत की गयी थी। तब देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसकी ओपनिंग की थी और 101 रुपये दान के रूप में दिए भी थे। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई हुई।
धर्मशाला में बनी 20 दुकानें ध्वस्त
सुबह 11 बजे जब नगर निगम का दस्ता कमेटी भवन को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने उसका विरोध किया और जेसीबी के आगे लेट भी गए। पर मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उन्हें हटाकर हिरासत में ले लिया। धर्मशाला के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शाम चार बजे तक चली। धर्मशाला में बनी 20 दुकानों को तोड़ दिया गया। निगम प्रशासन का कहना है कि भवन का निर्माण अवैध तरीके से पार्क की जमीन पर किया गया था।
क्या है मामला?
दरअसल, एनआईटी एक स्थित विजय रामलीला कमेटी धर्मशाला जिस जमीन पर निर्मित थी, सरकार ने उस जमीन का आवंटन पार्क के लिए किया था। पहले इस जमीन पर पुनर्वास विभाग का मालिकाना हक था, पर बाद में यह जमीन नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आ गयी। वर्ष 2015 से धर्मशाला की जमीन को लेकर हाईकोर्ट में केस (सूरजभान बनाम स्टेट आफ हरियाणा) चल रहा था। हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में धर्मशाला को तोड़ने का आदेश दिया और स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा था। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से कमेटी के पदाधिकारियों को कई नोटिसें भेजी गईं, पर उसका कोई जवाब नहीं मिला और न ही कमेटी ने धर्मशाला खाली की। इधर बीते वर्षों में कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से कारवाई नहीं हो सकी। तय कार्यक्रम के तहत सोमवार को निगम के दस्ते ने यह कार्रवाई की।