सार

नशा तस्करों के कारनामें आपने बहुत सुने होंगे। पर नशे की खेती करने वालों की ऐसी चालाकी नहीं देखी होगी। एक किसान ने खेत में सरसों के पौधों के बीच में अफीम के पौधे लगा रखे थे।

फतेहाबाद। नशा तस्करों के कारनामें आपने बहुत सुने होंगे। पर नशे की खेती करने वालों की ऐसी चालाकी नहीं देखी होगी। एक किसान ने खेत में सरसों के पौधों के बीच में अफीम के पौधे लगा रखे थे। पुलिस ने पूरे खेत की जांच की तो यह चौंकाने वाली बात सामने आयी। पुलिस ने अफीम के पौधों को जब्त कर लिया है और केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। मामला जिले के बीघड़ गांव का है।

खेत के बीच में खसखस के 472 पौधे

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस को गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि बीघड़ गांव के एक किसान ने अपने खेत में सरसों के पौधों के बीच अफीम के पौधे उगाए हैं। पुलिस ने किसान रमेश के खेत पर दबिश दी तो उसे सरसों की फसल लहलहाती दिखी। जांच के दौरान खेत के बीच में खसखस यानि अफीम के भी ढेरो पौधे दिखाई दिए। उन पौधों पर फल व फूल लगे हुए थे। पुलिस के मुताबिक अफीम के पौधों की संख्या 472 थी। पुलिस ने तुरंत उन पौधों को काटकर जब्त कर लिया। उन पौधों पर फल व फूल दोनों लगे हुए थे। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी किसान को हिरासत में ले लिया है।

पौधे के जड़, तना, पत्ते सब किए जाते हैं इस्तेमाल

वैसे खसखस का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों में किया जाता है। दवाओं में भी इसका प्रयोग होता है। पर इसकी खेती प्रतिबंधित है। पौधे से निकलने वाले तरल पदार्थ का इस्तेमाल नशीले पदार्थों के निर्माण में किया जाता है। इसके फल से निकले तरल से अफीम बनती है। इतना ही नहीं इस पौधें का जड़, तना, पत्ते सब इस्तेमाल किए जाते हैं। उनसे डोडा, चूरा, पोस्ता आदि बनता है। जब इसका फल पक जाता है तो उससे बीज निकलता है। उसी बीज से खसखस बनायी जाती है। मार्केट में इसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।