सार
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की जीत और कांग्रेस की हार के पीछे कई कारण रहे। AAP के साथ गठबंधन की विफलता, कमजोर रणनीति और नेतृत्व क्षमता इसकी मुख्य वजह हैं।
Haryana Elections 2024 Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने जबर्दस्त जीत दर्ज की है। इसके साथ ही भाजपा राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। 90 सीटों में से बीजेपी को 48 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस सिर्फ 37 सीटें जीतने में कामयाब रही। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी और उसकी एकतरफा जीत नजर आ रही थी, लेकिन फिर अचानक पांसा पलट गया और बीजेपी ने स्थायी बढ़त बना ली। हरियाणा चुनाव में कांग्रेस से आखिर कहां हुई चूक...जानते हैं पार्टी की हार के 10 सबसे बड़े कारण।
1- AAP के साथ कांग्रेस का असफल गठबंधन: AAP के साथ सीट-बंटवारे पर असहमति के चलते भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चे की कमी हो गई, जिसके चलते भाजपा विरोधी वोट बंट गए।
2- खराब ग्राउंड स्ट्रैटेजी: कांग्रेस के पास मजबूत जमीनी स्तर के कैम्पेन का अभाव दिखा, जिसके चलते वो ग्राउंड लेवल पर प्रभावी ढंग से समर्थन जुटाने में नाकाम रही।
3- लीडरशिप इश्यूज: आंतरिक संघर्ष और मजबूत नेतृत्व की कमी। खासकर कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार भूपिंदर सिंह हुड्डा की ओर से देखने को मिली, जिससे पार्टी की एकता कमजोर हुई।
4- वोटर्स की अरुचि: कई वोटर्स का कांग्रेस की पिछली सरकार के मुद्दों के अलावा उसके इन-इफेक्टिवनेस की वजह से मोहभंग हो गया, जिसके चलते उन्होंने वोटिंग में रुचि नहीं दिखाई।
5- बीजेपी की मजबूत कैम्पेनिंग: भाजपा की सुव्यवस्थित कैम्पेन स्ट्रैटेजी और लोकल लीडरशिप ने कांग्रेस नेताओं की कोशिशों से कही ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया।
6- नेगेटिव परसेप्शन : हरियाणा में बेरोजगारी और क्राइम जैसे मुद्दों को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं किया गया, जिससे वोटर्स के अंदर नेगेटिव परसेप्शन बना।
7- जाट वोट डायनेमिक्स: प्रतिस्पर्धी जाट दलों ने पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रहे जाट वोट बेस को कमजोर कर दिया, जिसका असर उनकी ओवरऑल परफॉर्मेंस पर साफ दिखा।
8- नए चेहरों की कमी: नए उम्मीदवारों को शामिल किए बिना पहले से स्थापित नेताओं पर कांग्रेस पार्टी की निर्भरता युवा मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में असफल रही।
9- भाजपा को सत्ता का लाभ: सत्तारूढ़ दल ने अपनी सत्ता का फायदा उठाया और अनिश्चितता के बीच खुद को एक स्थायी विकल्प के तौर पर पेश किया, जबकि कांग्रेस ऐसा करने में असफल रही।
10- पुअर हिस्टोरिकल परफॉर्मेंस: हरियाणा में AAP की पिछली विफलताओं ने गठबंधन के तौर पर कांग्रेस के संभावित लाभ के बारे में संदेह पैदा किया, जिसके चलते कुछ स्ट्रैटेजिक मिस्टेक्स भी हुईं।
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