यमुना पानी से जुड़े विवाद को लेकर हरियाणा सरकार अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती नजर आई हैं। इससे केजरीवाल की मुसीबत और भी ज्यादा बढ़ गई है।

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ती ही चली जा रही है। यमुनाम के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाने के बाद हरियाणा सरकार केजरीवाल और उनकी सरकार पर काफी ज्यादा गुस्सा हैं। हरियाणा सरकार ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि उनकी तरफ से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि सोनीपत में सीजेएम की कोर्ट में डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 2डी,154 के तहत इस मामले को दर्ज किया गया है। ऐसे में दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ती हुई दिखाई दी है।

हरियाणा के नागारिक उड्डयन मंत्री विपुल गोयल ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि जल्दी एफआईआर की कॉपी मीडिया को सौंप दी जाएगी, ताकि जनता के सामने सच्चाई आ सकें। हरियाणा सरकार ने इस बात को साफ कर दिया है कि भ्रामक और झूठी बयानबाजी बर्दाश्त नहीं जाएगी। इस मामले को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

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3 साल की हो सकती है केजरीवाल को सजा

इससे पहले भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें कानूनी परेशानियों से बचने के लिए अपने यमुना के दावे को साबित करने के लिए कहा गया है, जिसमें उन्हें तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। इसी संदर्भ में चुनाव आयोग ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को बुधवार रात 8 बजे तक का ही वक्त दिया है। चुनाव आयोग ने नोटिसमें कानूनी प्रावधानों का भी जारी किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव आयोग के पत्र में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (जन्म स्थान, निवास के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना), धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप), धारा 353 (सार्वजनिक शरारत) का हवाला दिया गया है। इसके तहत दोषी साबित होने पर केजरीवाल को तीन साल की सजा हो सकती है।

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