कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान 21 हजार बच्चों ने सामूहिक गीता पाठ किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, बाबा रामदेव और स्वामी ज्ञानानंद उपस्थित रहे। गीता के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और वैश्विक महत्व पर चर्चा हुई।

चंडीगढ़। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत सोमवार को धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में भव्य और ऐतिहासिक वैश्विक गीता पाठ आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 21 हजार बच्चों ने एक साथ गीता के श्लोकों का उच्चारण किया। यह दृश्य अद्भुत और आध्यात्मिक ऊर्जाओं से भरने वाला था, जिसने पूरे वातावरण को ज्ञान, भक्ति और शांति से सराबोर कर दिया।

इस आयोजन ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भारतीय भावना को वास्तविक रूप दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कार्यक्रम में भाग लिया और गीता पाठ करने वाले छात्रों के लिए मंगलवार को विशेष अवकाश की घोषणा की। योग गुरु बाबा रामदेव और स्वामी ज्ञानानंद महाराज भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

गीता जयंती पर CM नायब सिंह सैनी ने दी शुभकामनाएं, कहा- 'गीता का संदेश आज भी मानवता का मार्गदर्शन'

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी और गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से 5163 वर्ष पहले इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि 21 हजार विद्यार्थियों द्वारा अष्टादशी श्लोकों का जाप सुनना अत्यंत गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ कई देशों में भी एक साथ ये श्लोक गूंज रहे हैं, जो भारत की सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है।

गीता पाठ का वैज्ञानिक महत्व- सकारात्मक ध्वनि तरंगें देती हैं शांति और ऊर्जा

मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भी है। वेद, उपनिषद और गीता के मंत्रों के उच्चारण से निकलने वाली सकारात्मक तरंगें मन और दिमाग को शांति देती हैं, विचारों में संतुलन लाती हैं और नई ऊर्जा प्रदान करती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से गीता महोत्सव बना अंतरराष्ट्रीय आयोजन

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गीता जयंती समारोह को वर्ष 2016 से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने अमेरिका दौरे के दौरान राष्ट्रपति बराक ओबामा को “The Gita According to Gandhi” पुस्तक भेंट की थी, जिसके बाद गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।

हाल ही में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र आकर महाभारत थीम आधारित अनुभव केंद्र का लोकार्पण किया। 28 नवंबर को उडुप्पी में भी उन्होंने इस केंद्र का उल्लेख किया। आज यह आयोजन विश्वव्यापी स्वरूप ले चुका है।

‘कर्मण्येवाधिकारस्ते’- गीता का उपदेश जो व्यक्ति को कर्तव्य पथ पर अग्रसर करता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गीता के साथ योग को भी विश्वभर में प्रसारित किया है, जिसके परिणामस्वरूप हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में तनाव, क्रोध, लोभ और अनिश्चितता से निपटने में गीता हमारी मदद करती है। प्रतिदिन गीता पाठ करने वाला व्यक्ति नकारात्मक भावनाओं से ऊपर उठ जाता है। उन्होंने कहा कि यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते’ का पालन करे, तो समाज में समरसता और अनुशासन स्वतः स्थापित हो जाएगा।

गीता- पूरे मानव समाज के लिए मार्गदर्शक, संघर्षों का समाधान

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि गीता केवल भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन का संवाद नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन का मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि जिस घर में नियमित गीता पाठ होता है, वहाँ नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर सकती। गीता हमें सिखाती है कि सुख-दुःख, सफलता-असफलता जीवन का हिस्सा हैं, और हमें समभाव बनाए रखना चाहिए। यदि लोग गीता के संदेशों को अपने जीवन में अपनाएं, तो समाज में संघर्ष और तनाव कम होंगे तथा एक आदर्श समाज की स्थापना होगी।

गीता युवा पीढ़ी को सुसंस्कार और आत्मविश्वास देने वाली पवित्र ग्रंथ- स्वामी ज्ञानानंद

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर गीता जयंती मनाना सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाता रहा है। आज 21 हजार छात्र केशव पार्क में वैश्विक गीता पाठ कर रहे हैं, जबकि हरियाणा के 114 खंडों से 1 लाख 800 विद्यार्थी और 50 से अधिक देशों के लोग भी इस पाठ को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि गीता में हर समस्या का समाधान है- यह युवा पीढ़ी में चरित्र, आत्मविश्वास और दिशा प्रदान करती है।

गीता में ज्ञान, विज्ञान, विरासत और विकास का मार्ग- बाबा रामदेव

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि कुरुक्षेत्र की यह भूमि पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कार देती है। उन्होंने कहा कि गीता में विरासत, आधुनिक विज्ञान और विकास का मार्ग छिपा है। उन्होंने कहा कि गीता से प्रेरणा लेकर देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए वैश्विक गीता पाठ जैसे आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

अनेक गणमान्यों की उपस्थित, पवित्र गीता संदेश को जन-जन तक पहुँचाने पर जोर

इस अवसर पर बाबा भूपेंद्र सिंह, स्वामी मास्टर महाराज, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, NID की निदेशिका डॉ. रमणीक कौर और पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग, सरस्वती धरोहर बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, चेयरमैन जयदीप आर्य, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, सीएम के ओएसडी भारत भूषण भारती, स्वामी संपूर्णानंद महाराज, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति करतार सिंह धीमान सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।