सार

दीपावली से 6 दिन पहले हरियाणा के नूंह में एक परिवार के चार चिराग बुझ गए। यानि चार मासूमों की मौत हो गई। बच्चों की जान किसी रहस्यमयी बीमारी की वजह से गई है। परिवार में पिछले दस दिन से चूल्हा तक नहीं जला है।

नूंह (हरियाणा), दिवाली फेस्टिवल पर बच्चे सबसे ज्यादा खुश होते हैं। वह अभी से पटाखे फोड़ने लगे हैं। लेकिन हरियाणा के नूंह जिल से एक ऐसी खबर सामने आई है, जहां दीपावली से 6 दिन पहले एक परिवार के चार चिराग बुझ गए। यानि चार मासूमों की मौत हो गई। बच्चों की जान किसी रहस्यमयी बीमारी की वजह से गई है। पूरे गांव में इस घटना और बीमारी से हड़कंप मचा हुआ है।

डॉक्टरों और अस्पताल में हड़कंप

दरअसल, यह दुखद घटना नूंह जिले के तावड़ू खंड के गांव चाहल्का की ढाणी की है। जहां बीमारी के चलते महज 10 दिन के अंतर से 4 बच्चों की मौत हो गई। डॉक्टरों और अस्पताल में हड़कंप है कि वह मासूमों को नहीं बचा सके। वहीं अभी तक यह पता नहीं सका है कि बच्चों की मौत आखिर किसी बीमारी से हुई है। क्योंकि बच्चों को सिर्फ बुखार आया था। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में मेनिजाइटिस (दिमागी बुखार) के लक्षण थे। लेकिन यह क्लीयर नहीं है। फिलहाल सेहत विभाग जांच में जुटा है और वजह का पता लगा रही है।

पहले अदनाम और फिर अलीशा ने तोड़ा दम

साहून ने बताया कि सबसे पहले 19 अक्टूबर को उनके चार साल के बेटे अदनाम की तबीयत खराब हुई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान उसने अगले दिन तम तोड़ दिया। इसके एक दिन बाद साहून की 7 साल की बेटी अलीशा भी इन्हीं लक्षणों का शिकार होकर बीमार होने लगी। फिर

एक-एक करके चार बच्चों की टूटी सांसे

गांव चाहल्का की ढाणी निवासी साहून ने बताया कि गत 19 अक्टूबर की शाम उनके चार वर्षीय बेटे अदनान को उल्टी की शिकायत होने लगी। जिसे आनन-फानन तावड़ू के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे राजस्थान के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। अगले दिन सुबह अदनान ने दम तोड़ दिया। जब वह अपने बच्चे के शव को लेकर गांव पहुंचे तो उनकी सात वर्षीय बेटी अलीशा को उल्टी की शिकायत होने लगी। जिसके बाद बेटी को नूंह के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर रखा। लेकिन उसकी भी मौत हो गई।

घर में 10 दिन से नहीं जला चूल्हा

साहून ने बताया कि बेटा-बेटी की मौत होने के बाद उनका 4 वर्षीय भतीजे नाजिश को भी उल्टियां होने लगीं। जिसे राजस्थान के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई। फिर चार दिन पहले ही उनका दूसरा भतीजा दानिश भी बीमार पड़ने लगा। उसे भी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अब उसने भी दम तोड़ दिया। बता दें कि दो भाइयों के चार बच्चों की मौत होन के बाद परिवार में कोहराम मचा है। इतना ही नहीं घर में 10 दिन से चूल्हा तक नहीं जला है।