सार
लुधियाना की एक संस्था ने हरियाण के अंबाला में 20 साल से घर में कैद भाई-बहन का रेस्क्यू कर उन्हें घर से निकाला है। दोनों माता-पिता की मौत के बाद नरकीय जीवन बिता रहे थे। इस दौरान वह एक बार भी बाहर नहीं निकले।
अंबाला. हरियाणा के अंबाला से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पढ़े-लिखे भाई-बहन 20 सालों से एक कमरें में कैद थे। दोनों घर के अंदर नरक की तरह जिंदगी जी रहे थे। बताया जाता है कि वह अपने पड़ोंसियों की वजह से जिंदा रहे। पड़ोसी रोजाना कुछ ना कुछ खाने को देते रहते थे, जिससे उनकी भूख मिट जाए। लेकिन भाई-बहन घर से बाहर नहीं निकलते थे। पंजाब की लुधियाना की रहने वाली एक सामाजिक संस्था 'मनुखता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा' ने दोनों भाई-बहन को रेस्क्यू किया है।
पिता थे डॉक्टर, मौत के बाद डिप्रेशन में रहने लगे
दरअसल, 20 साल बाद घर से बाहर निकले इन भाई-बहन की पहचान इंदू शर्मा और सुनील शर्मा के रूप में हुई। दोनों भाई बहन पढ़े-लिखे हैं। युवक और युवती दोनों ही एमए, बीएड पास है। दोनों मानसिक रूप से बीमार बताए जा रहे हैं। इनके पिता सूरज प्रकाश शर्मा आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। बताया जाता है कि करीब 20 साल पहले दोनों के माता-पिता की मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद भाई-बहन डिप्रेशन में चले गए और घर के अंदर ही रहने लगे। आसपास के लोग और रिश्तेदारों ने दोनों को बहुत समझाया, लेकिन वह बाहर नहीं निकले।
भाई-बहन को लुधियाना ले गई संस्था
दोनों भाई-बहन को रेस्क्यू करने वाली संस्था मनुखता दी सेवा सबसे बड़ी सेवा संस्था अपने साथ लुधियाना ले गई है, जो उनकी देखभाल करेगी। मिंटू मालवा जो कि संस्था के सदस्य हैं, उनका कहना है कि हमारी संस्था ऐसे लोगों की मदद करती है, जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है। या फिर वो मानसिर रूप से कमजोर हैं। इंदू और सुनील के बारे में हमें पता चला तो तुरंत हमने उनके बारे में जानकारी जुटाई और उनको रेस्क्यू किया गया। दोनों काफी पढ़े-लिखे हैं, लेकिन अब उनकी हालत ठीक नहीं है। हमारी संस्था दोनों को बेहतर जिंदगी देने की कोशिश करेगी।