सार
ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की है। इस मुलाकात ने फोगाट के राजनीति में शामिल होने की अटकलों को और हवा दी है। 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में फोगाट के चुनाव लड़ने की संभावना है।
चंडीगढ़: भारत की स्टार पहलवान और ओलंपियन विनेश फोगाट के राजनीति में शामिल होने की अटकलें दिन-ब-दिन तेज होती जा रही हैं। इसी बीच फोगाट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की है, जिससे उनके राजनीति में एंट्री की अटकलों को और बल मिला है.
जी हां, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से शुक्रवार शाम विनेश फोगाट ने शिष्टाचार मुलाकात की। माना जा रहा है कि विनेश फोगाट जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकती हैं और 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं। भूपेंद्र सिंह से मुलाकात के बारे में विनेश ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन हुड्डा ने कहा कि जो भी कांग्रेस में आता है, हम उसका दिल खोलकर स्वागत करते हैं।
"एक एथलीट होने के नाते, वे किसी खास पार्टी या राज्य के नहीं होते हैं। एथलीट पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये भी पूरे देश की प्रतिनिधि हैं। किसी भी पार्टी को ज्वाइन करना है या नहीं, यह उनका अपना फैसला है। लेकिन जो भी कांग्रेस पार्टी में आता है, हम उसका दिल खोलकर स्वागत करते हैं। उन्हें क्या करना चाहिए, यह फैसला उन्हें ही लेना है।" यह कहना है हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।
हाल ही में संपन्न हुए पेरिस ओलंपिक खेलों में 29 वर्षीय विनेश फोगाट ने महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई थी। वह ओलंपिक के इतिहास में फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं। लेकिन फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश ने अपनी अयोग्यता को चुनौती देते हुए सीएएस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन वहां भी विनेश की दलील को खारिज कर दिया गया।
विनेश फोगाट के स्वदेश लौटते ही हरियाणा सरकार ने महिला पहलवान को 4 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया था। यह राशि हरियाणा सरकार द्वारा ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले एथलीट को दी जाने वाली पुरस्कार राशि के बराबर थी। हालांकि फोगाट फाइनल में पहुंचने के बावजूद खाली हाथ लौटी थीं, लेकिन उनकी उपलब्धि को देखते हुए सरकार ने नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी।