सार
बेंगलुरु में जहाँ कैब ड्राइवर्स और यात्रियों के बीच विवाद आम हैं, वहीं ऑटो चालक शांता गौड़ा गांधीगीरी के बल पर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। उनका मानना है कि अच्छी सर्विस ही सबसे बड़ी कमाई है।
बेंगलुरु। हाल के दिनों में बेंगलुरु के कैब ड्राइवर्स और यात्रियों के बीच हिंसक घटनाओं की खबरें आ रही हैं, लेकिन इन्हीं घटनाओं के बीच एक ऑटो-रिक्शा चालक शांता गौड़ा ने अपनी अनोखी और इंस्प्रीएशनल सर्विस के जरिए सबका ध्यान आकर्षित किया है। शांता गौड़ा के ऑटो में महात्मा गांधी का एक फेमस कोट्स डिस्प्ले किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कस्टमर हमारे परिसर में सबसे इंप्वाटेंट विजिटर हैं। वह हम पर निर्भर नहीं हैं, हम उन पर निर्भर हैं।
28 साल से ऑटो रिक्शा चला रहे हैं शांता गौड़ा
शांता गौड़ा 1996 से बेंगलुरु की सड़कों पर ऑटो चला रहे हैं और 28 साल के अपने अनुभव में उन्होंने कभी भी ग्राहकों से मीटर से अधिक पैसे नहीं मांगे। उनके अनुसार अच्छी सर्विस प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। गौड़ा बताते हैं कि जब ग्राहक खुश होते हैं, तो वे खुद एक्स्ट्रा पैसे देना चाहते हैं, बिना किसी मांग के।
कभी भी कस्टमर से नहीं मांगा एक्स्ट्रा किराया
टेक्निकल रूप से सुसज्जित गौड़ा का ऑटो कस्टमर्स के बीच प्रसिद्ध हो रहा है, खासतौर पर उनके ऑटो में लगी स्क्रीन पर महात्मा गांधी का मैसेज पढ़कर लोग प्रभावित होते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में गौड़ा ने कहा कि वे मीटर के हिसाब से ही पैसे लेते हैं और कभी भी 10 रुपये एक्स्ट्रा नहीं मांगे।
गांधी जी के सिद्धांतों से हैं प्रभावित
शांता गौड़ा का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य कस्टमर्स को संतुष्ट करना है। उनका यह सिद्धांत आज के समय में एक प्रेरणा है, जब ऑटो और कैब चालकों के बीच हिंसक मुठभेंड़ आम हो गई हैं। गौड़ा की इस सेवा भावना ने उन्हें अन्य ऑटो चालकों से अलग बना दिया है और उनकी ईमानदारी को लोगों के बीच काफी सराहा जा रहा है। उनके इस व्यवहार से यह साबित होता है कि ईमानदारी और अच्छी सर्विस के जरिए ग्राहकों का दिल जीता जा सकता है।
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