सार

बेंगलुरु में बर्थडे केक खाने से 5 साल के बच्चे की मौत हो गई और उसके माता-पिता गंभीर रूप से बीमार हो गए। परिवार ने रविवार को केक खाया था और सोमवार सुबह उन्हें पेट में तेज दर्द शुरू हुआ। पुलिस फूड पॉइजनिंग और सुसाइड के एंगल से मामले की जांच कर रही है।

बेंगलुरु। बेंगलुरू के भुवनेश्वरी नगर में एक दर्दनाक घटना घटी, जहां बर्थडे केक खाने के बाद 5 साल के एक बच्चे की मौत हो गई और उसके माता-पिता की हालत गंभीर बनी हुई है। यह हादसा सोमवार, 7 अक्टूबर को सामने आया। मृतक बच्चे का नाम धीरज था, जबकि उसके माता-पिता बलराज और नागलक्ष्मी अभी KIMS अस्पताल के ICU में भर्ती हैं, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

केक ऑर्डर से शुरू हुई घटना

बलराज जो Swiggy कंपनी में डिलीवरी बॉय के रूप में काम करते हैं। रविवार को एक ग्राहक द्वारा ऑर्डर कैंसिल किए गए केक को बलराज अपने घर ले आए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह केक उन्होंने अपने बेटे धीरज के जन्मदिन के लिए Swiggy से ऑर्डर किया था। इस केक से उन्होंने अपने बेटे का जन्मदिन मनाया और परिवार के तीनों सदस्यों ने साथ में केक खाया। फिर रात का खाना खाने के बाद सो गए।

अचानक शुरू हुआ पेट दर्द और बच्चे की मौत

सोमवार सुबह अचानक तीनों के पेट में तेज दर्द शुरू हो गया, जिससे वे दर्द से चिल्लाने लगे। पड़ोसियों ने उनकी चीखें सुनकर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उनके बेटे धीरज की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। बलराज और नागलक्ष्मी बेहोश थे और उन्हें ICU में भर्ती किया गया है।

फूड पॉइजनिंग या आत्महत्या का शक

पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें फूड पॉइजनिंग का शक है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि यह सुसाइड अटेम्प्ट हो सकता है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। केक को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है और जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

Swiggy का बयान

इस दर्दनाक घटना पर Swiggy ने भी शोक जताते हुए कहा कि परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं और हम हरसंभव मदद कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि फूड सेफ्टी हमारी प्राथमिकता है और हम अपने प्लेटफार्म पर सिर्फ उन्हीं रेस्टोरेंट्स को शामिल करते हैं, जिनके पास FSSAI लाइसेंस होता है। इस हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है और अब फोरेंसिक जांच के बाद ही सही कारणों का पता चल सकेगा।

 

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