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मिल गया वो छेद, जहां से दिल्ली में घुस रहा यमुना की बाढ़ का पानी, सोशल मीडिया पर वायरल हैं ये 12 PHOTOS
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नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली करीब 45 साल बाद फिर से पूरी तरह बाढ़ में डूब गई है। यमुना नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बहने से हजारों लोगों को घर-गृहस्थी बर्बाद हो गई है। बड़ी संख्या में लोगों का पलायन हुआ है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यमुना नदी 33 साल में 25 बार खतरे के निशान से ऊपर हुई, लेकिन ऐसी बाढ़ पहले कभी नहीं आई। उधर, उस जगह का पता चल गया है, जहां से यमुना का पानी दिल्ली में घुसा। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ITO के पास 12 नंबर ड्रेनज का रेगुलेटर टूटने से बाढ़ का पानी दिल्ली में घुस रहा है।
दिल्ली में बाढ़ की हालत यह है कि सरकार भी बेबस नजर आ रही है। CM अरविंद केजरीवाल ने ड्रेनेज ठीक करने के लिए सेना की मदद मांगी थी।
अब सेना ITO के पास टूटे 12 नंबर ड्रेनेज के रेगुलेटर की मरम्मत कर रही है।
जगह-जगह बाढ़ का पानी आ जाने से दिल्ली के सभी स्कूल-कॉलेज रविवार तक बंद कर दिए गए हैं। सरकारी दफ्तरों में वर्कफ्रॉम होम रहेगा।
NDRF के DIG मोहसिन शहीदी ने मुताबिक दिल्ली में बाढ़ के चलते 6 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
दिल्ली में पिछले 4 दिन से यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर से बह रही है। शुक्रवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर 208.40 मीटर तक पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान 205 मीटर से 3.4 मीटर अधिक है।
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ा हुआ है।
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज के 18 गेट खोलने से यमुना नदी उफन पड़ी और दिल्ली डूब गई।
यमुना नदी में 205.33 मीटर खतरे का निशान है। गुरुवार को यह 208.51 मीटर को पार कर गई थी।
बाढ़ से क्या पूरी दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है। सरकार और प्रशासन लगातार मीटिंग कर रहा है, लेकिन समस्या का ठोस हल किसी के पास नहीं है।
रिंग रोड तक बाढ़ आ जाने से आईएसबीटी, कश्मीरी गेट में हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तराखंड से आने-जाने वाली बसें रोकनी पड़ी हैं।
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दिल्ली की लोकनिर्माण विभाग(PWD) मंत्री आतिशी कुमार मान चुकी हैं कि दिल्ली में पहली बार यमुना नदी का जलस्तर इस मुकाम पर पहुंचा है। 1978 में जब बाढ़ आई थी, उसके मुकाबले इस बार जलस्तर 1.5 मीटर अधिक है।