सर्दियों के महीनों में विभिन्न कारकों की वजह से यह बढ़ जाता है। इसलिए इस स्थिति से निपटने के लिए एयर क्वालिटी को लेकर कार्य योजना बनाई गई है।
चक्रवात 'बुलबुल' से राज्य के तटीय जिलों में कृषि और अन्य प्रतिष्ठानों को काफी नुकसान हुआ। सात सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल जो ओडिशा में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (सीएंडआईसी) सहेली घोष रॉय के नेतृत्व में दो दिन की यात्रा पर आये हैं।
मच्छरों से सब लोग परेशान हैं, लेकिन यहां एक महिला इतनी तंग आई कि उसने अपना सारा गुस्सा पतिदेव पर निकाल दिया। पत्नी के किचन में गई और मूसल के अलावा जो भी हाथ लगा, उससे पतिदेव को जमकर पीट दिया। पति ने पुलिस में गुहार लगाई है।
सबरीमला मामले को उच्चतम न्यायालय के वृहद पीठ में भेजे जाने के शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में, भगवान अयप्पा मंदिर शनिवार को खुलेगा और केरल सरकार ने कहा है कि जो महिलायें मंदिर में प्रवेश करना चाहती है उन्हें ‘अदालती आदेश’ लेकर आना होगा।
प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत देशभर के मशहूर शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्रों की संख्या में इस साल 74 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के पांच अगस्त के फैसले के बाद गृह मामलों की स्थाई समिति की यह पहली बैठक थी।
दिल्ली. कहते हैं कि 'पैसा' अहंकार की वजह बन जाता है। लेकिन इस अरबपति सरदार ने इस परिभाषा को बदला है। ब्रिटेन के जाने-माने बिजनेसमैन रुबेन सिंह अपने देश की माटी के मान-सम्मान की खातिर पैसे को भी पानी की तरह बहाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। एक बार किसी अंग्रेज ने उनकी पगड़ी का मजाक उड़ा दिया। उसे 'बैंडेज' कह दिया। रुबेन सिंह ने बड़े ही सभ्य तरीके से उसे करारा जवाब दिया। उन्होंने अपनी पगड़ी के कलर की लग्जरी कारें खरीदना शुरू कर दीं। रुबेन सिंह हर साल अपने वतन यानी भारत जरूर आते हैं। 13 नंवबर को ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स अपने तीन दिवसीय दौरे पर इंडिया आए। उनके संग रुबेन सिंह भी रहे। रुबेन सिंह प्रिंस चार्ल्स के अच्छे दोस्तों में शुमार हैं। इस दौरान चार्ल्स और रुबेन सिंह दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे भी गए। बता दें कि रुबेन सिंह के पिता 1960 में दिल्ली से ब्रिटेन जाकर बस गए थे। रुबेन सिंह का जन्म लंदन में ही हुआ।
बघेल ने कहा कि आज जो लोग नेहरू जी का कद कम करना चाहते हैं, दरअसल वह लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। वह नेहरू जी का कद इसलिए कम करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जो लकीर खींची थी उस लकीर तक पहुंचना उनके लिए दूर की बात है।
यह वीडियो उत्तराखंड के नैनीताल जिले का है। स्कूल में पढ़ाई चल रही थी। अचानक किसी की नजर अलमारी में रखी किताबों पर पड़ी। किताबों पर बैठे किंग कोबरा को देखकर स्कूल में गदर मच गई। कोबरा भी लोगों को देखकर गुस्से में आ गया। देखिए फिर क्या हुआ?
बाइक सवार ने पहले पता पूछने के बहाने महिला को पास बुलाया फिर उसकी चैन छीनने की कोशिश करने लगा।