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'सिंघम' कहे जाने वाले IPS बसंत रथ ने ऐसा क्या 'कांड' किया कि सरकार ने परमानेंट घर बैठा दिया?
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श्रीनगर. ये हैं 2000 बैच के IPS बसंत रथ( Basant Rath), जिन्हें बेहद खराब कदाचार और दुर्व्यवहार(gross misconduct and misbehaviour) के चलते समय से पहले नौकरी से घर बैठा दिया है। जम्मू-कश्मीर के 'सिंघम' कहे जाने वाले बसंत रथ गृह मंत्रालय (MHA) ने नोटिफिकेशन जारी करके बताया कि निलंबित आईपीएस अधिकारी बसंत रथ को समय से पहले सेवानिवृत्ति का आदेश दिया है।
बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बसंत रथ का निलंबन अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया था।
बसंत रथ को पहली बार जुलाई 2020 में निलंबित कर दिया गया था। इसमें उनके खराब बर्ताव का उल्लेख था।
समय से पहले रिटायर किए गए बसंत रथ वर्ष 2000 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं।
गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जनहित में बसंत रथ को तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त किया है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह पर संगीन आरोप लगाने और विभाग में अनुशासनहीनता के चलते आठ जुलाई 2020 को बसंत रथ को निलंबित किया गया था।
अपने निलंबन पर बसंत रथ ने डीजीपी के अलावा केंद्रीय गृह सचिव पर उनके साथ भेदभाव करने पर तलख टिप्पणी की थी। डीजीपी के खिलाफ उन्हें मारने की साजिश रचने की शिकायत भी की।
बसंत रथ ने चीफ सेक्रेट्री को पत्र में लिखा था कि उन्होंने वर्ष 20222 जून-जुलाई में वॉलंटियर रिटायरमेंट के लिए आवेदन किया था, लेकिन सत्ता के नशे में चूर एक नौकरशाह की तरह मुख्य सचिव ने उनकी फरियाद नहीं सुनी।
बसंत रथ ने चीफ सेक्रेट्री को लिखे लेटर में कहा था- 'अगर केंद्रीय सचिव मेरी सिफारिश नहीं करते तो इस बार आप मेरे प्रति थोड़ा दयालु हो सकते हैं। हम लोग 2018 में पड़ोसी हुआ करते थे।
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बसंत रथ ने चीफ सेक्रेट्री को लिखे लेटर में कहा था-आपके पुत्र के व्यवसायिक कार्य के लिए शुभकामनाएं। मेरे एक वकील दोस्त ने आपकी कई ईमानदारी की कहानियां सुनाई हैं। क्या इनमें कोई कमी आ गई है, मैं इसे लेकर सुनिश्चित नहीं हूं।
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