भावांतर योजना के समर्थन में इंदौर और उज्जैन के किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह योजना किसानों की आर्थिक सुरक्षा का कवच है, जिससे उन्हें फसल का पूरा मूल्य मिलेगा।

भोपाल। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू की गई भावांतर योजना के समर्थन में रविवार को इंदौर जिले के देपालपुर और उज्जैन के किसानों ने भव्य ट्रैक्टर रैली निकाली। हजारों किसान ग्रामीण इलाकों से ट्रैक्टर लेकर इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर एकत्र हुए और राज्य सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्योपुर जिले से वर्चुअली जुड़कर किसानों के उत्साह और आभार प्रदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भावांतर योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य मिले। अगर बाजार में दाम घटते हैं, तो सरकार किसानों की आय में कोई कमी नहीं आने देगी। किसानों के चेहरे पर लौटती मुस्कान इस योजना की सफलता का प्रमाण है।

भावांतर योजना: किसानों की आर्थिक सुरक्षा का कवच

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर में आज चारों ओर ट्रैक्टरों की गूंज है और अन्नदाताओं ने माता अहिल्या की नगरी को गौरवान्वित किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का कार्य कर रही है।

सरकार सिंचाई, बीज, खाद, भंडारण और विपणन की व्यवस्थाओं को और मजबूत बना रही है ताकि कृषि एक लाभकारी व्यवसाय बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर योजना केवल भुगतान व्यवस्था नहीं, बल्कि किसानों की आर्थिक सुरक्षा का कवच है जो उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रखेगा।

किसानों को मिलेगा मेहनत और हक का पूरा मूल्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 500 रुपये की वृद्धि कर इसे 5328 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। किसानों की सुविधा के लिए प्रदेशभर में 1700 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें अब तक 5 लाख से अधिक किसानों ने फसल का पंजीयन कराया है।

केवल इंदौर जिले में ही 35 हजार से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं। पंजीयन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर रखी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बेचने के 15 दिनों के भीतर किसानों को राशि देने का लक्ष्य है। हर किसान को उसकी मेहनत और हक का पूरा पैसा दिया जाएगा। उन्होंने गर्व से कहा कि किसान इस योजना का लाभ उठाकर खुश हैं, और यही सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

किसानों से पंजीयन कराने की अपील

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पंजीयन से लेकर फसल बिक्री तक किसानों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जिला कलेक्टर मंडियों में मौजूद रहकर किसानों की समस्याओं का समाधान करें।

उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी सोयाबीन फसल का पंजीयन अवश्य कराएं और जैविक खेती के लिए भी पंजीयन करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना किसानों की मेहनत का पूरा मूल्य दिलाने और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

किसानों ने भावांतर योजना पर जताया हर्ष

रैली में शामिल किसानों ने कहा कि भावांतर योजना से उन्हें फसलों के घटते बाजार भाव से बड़ी राहत मिली है। अब वे अपनी फसल को औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर नहीं हैं। मंडी में बिक्री के बाद मिलने वाली भावांतर राशि उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी।

हातोद के किसान महेश चौधरी, भारत ठाकुर और धर्मेंद्र भदौरिया ने बताया कि योजना ने उन्हें बाजार की अनिश्चितता से राहत दी है। पहले उपज का दाम गिरने पर नुकसान होता था, लेकिन अब उन्हें न्यूनतम लाभकारी मूल्य मिल रहा है, जिससे खेती में भरोसा बढ़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताया।

देपालपुर के ग्राम बरोदापंथ के किसान संदीप पटेल और रतन पटेल ने कहा कि पहले हमें फसल औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ती थी, लेकिन अब भावांतर योजना से उचित मूल्य मिलना सुनिश्चित हुआ है। इससे हमारी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

ग्राम लिम्बोदापार के किसान हरिराम चौहान और दिनेश शर्मा ने कहा कि यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 70 बीघा पर सोयाबीन की बोवनी की है और भावांतर योजना में अपना पंजीयन करा लिया है।

ग्राम खरेली के किसान भुवन सिंह भाटिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों की तकलीफ को समझा और इस योजना को लागू किया। यह निर्णय किसान हित में ऐतिहासिक है। भावांतर भुगतान से किसानों को आर्थिक सहारा और खेती में नई ऊर्जा और उत्साह मिला है।

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