Bhopal Indore High Speed Expressway : मध्य प्रदेश के लोगों के लिए सरकार ने खुशखबरी दी है। खासकर जो लोग भोपाल से इंदौर के बीच सफर करते हैं। अभ ऐसा हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर बनाने जा रही है। जिससे आपका सफर 2 घंटे लगेंगे।
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Madhya Pradesh News : सड़क मार्ग के जरिए इंदौर से भोपाल तक जानें के लिए अभी लोगों को 4 से 6 घंटे का वक्त लगता है। लेकिन अब इस 200 किलोमीटर की दूरी को तय करने में आपका महज डेढ़ से दो घंटे लगेगा। क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार दोनों शहरों के हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर बनाने जा रही है। इतना ही नहीं इसका रूट भी फाइनल हो चुका है। इस कॉरिडोर के बनने से करीब 45 से 50 दूरी कम हो जाएगी।
इंदौर-भोपाल के हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर को कौन बना रहा
दरअसल, इंदौर और भोपाल के बीच बनने वाले इस हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) बनाएगी। जो कि भारत माला हाईवे की तर्ज पर डेवलप होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने इसकी अलाइनमेंट डीपीआर मंजूरी के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय को भेज दी है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी और काम शुरू कर दिया जाएगा।
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हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर से क्या होंगे फायदे?
- भोपाल से इंदौर रोजाना हजारों यात्री ट्रैवल करते हैं, हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे बनने से यात्रियों को 4 से 6 घंटे की बजाय ढेड़ से दो घंटे ही लगेंगे। साफ तौर पर यात्रा में 3 घंटों की बचत होगी।
- वर्तमान में इंदौर-भोपाल मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा है। लेकिन हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे बनने से जाम से मुक्ति मिलेगी। क्योंकि इस सड़क पर रोजाना 30 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं।
- मौजूदा हालात में भोपाल से इंदौर जाते वक्त कई मोड़ और गांव बीच में आते हैं, जिससे हादसे भी ज्यादा होते हैं। लेकिन हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे बनने से हादसों में कमी आएगी।
- भोपाल-इंदौर हाइवे पर करीब 50 से ज्यादा ढाबे और रेस्टोरेंट हैं, जिसकी वजह से वाहन की स्पीड भी कम रहती है। कमर्शियल एक्टिविटी बढ़ने से वाहनों की आवाजाही भी ज्यादा रहती है।
भोपाल इंदौर हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कितना होगा खास
- हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर पर ढाबे रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप नहीं होंगे। जिससे वक्त भी बचेगा।
- जानवरों को एक तरफ से दूसरी तरफ गुजरने के लिए अंडरपास एनिमल ब्रिज बनाए जाएंगे।
- हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर पर एक भी टोल नाका नहीं होगा।
- कस्बों और गांवों की तरफ जाने के लिए फ्लाईओबर अंडरपास बनाए जाएंगे।
- हाईस्पीड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर जमीन से करीब 5 फीट ऊपर बनेगा।
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