सार
मध्य प्रदेश के कटनी में रिश्वत का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां एक पटवारी ने लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) की एक टीम को देखकर रिश्वत के रूप में ली गई धनराशि निगल ली।
जबलपुर. मध्य प्रदेश में 'पटवारी' को लेकर हंगाम मचा हुआ है। एक तरफ पटवारी एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर राजनीति चरम पर है, तो दूसरी तरफ कटनी में रिश्वत का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां एक पटवारी ने लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) की एक टीम को देखकर रिश्वत के रूप में ली गई धनराशि निगल ली।
मध्य प्रदेश के कटनी में पटवारी रिश्वत कांड, जबलपुर में भ्रष्टाचार का अजीब केस
SPE के एसपी संजय साहू ने बताया कि यह घटना सोमवार(24 जुलाई) को हुई, जब अधिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल के तहत पटवारी गजेंद्र सिंह को अपने निजी कार्यालय में रिश्वत के रूप में 5,000 रुपए लेते पकड़ा गया। बरखेड़ा गांव के एक व्यक्ति ने गजेंद्र सिंह पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। रिश्वत के पैसे लेने के बाद पटवारी ने जब एसपीई टीम को देखा, तो उसने रुपए निगल लिए। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि वह ठीक हैं।
कटनी में रिश्वत लेते पटवारी गजेंद्र सिंह का ड्रामा
लोकायुक्त इंस्पेक्टर कमल सिंह उइके ने बताया कि रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े जाने पर पटवारी पांच-पांच सौ रुपए के 9 नोट मुंह में डालकर चबा गया। रिश्वत के पैसे पेट से निकलवाने के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टर ने पटवारी से उल्टी करवाने की कोशिश की, हालांकि उसने उल्टी भी नहीं की।
बड़खेड़ा गांव निवासी चंदन सिंह लोधी ने जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में 10 जुलाई को पटवारी की शिकायत की थी। मामला गांव में उसके दादा की जमीन के सीमांकन से जुड़ा है। पटवारी गजेन्द्र सिंह ने पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
जब पटवारी को रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ने लोकायुक्त की टीम पहुंची, तो उसे देखकर पटवारी ने यह ड्रामा किया। लिहाजा लोकायुक्त टीम उसे रंगे हाथ नहीं पकड़ पाई। लोकायुक्त टीम को नोटों के कुछ टुकड़े ही हाथ लगे। हालांकि पटवारी गजेन्द्र सिंह के खिलाफ रिश्वत लेने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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