सार
मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुए एक सामूहिक विवाह में एक दूल्हा-दुल्हन पहुँचे। मुख्यमंत्री की 'कन्यादान योजना' के तहत यह सामूहिक विवाह आयोजित किया गया था। लेकिन, यह युवक और युवती शादी की किसी भी रस्म में शामिल होने को तैयार नहीं हुए। दूल्हे ने दुल्हन को सिंदूर नहीं लगाया, और न ही दोनों ने फेरे लिए।
इससे आयोजकों और वहाँ मौजूद लोगों को शक हुआ। बताया जा रहा है कि यह घटना मंगलवार को मध्य प्रदेश के नागदा जिले में हुई। नरेंद्र मोदी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए इस समारोह में 81 जोड़े शादी के बंधन में बंधने पहुंचे थे। यहाँ हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाजों से शादियाँ हुईं। लेकिन, इस जोड़े के रस्मों में शामिल न होने से लोगों का ध्यान उनकी ओर गया।
इसके बाद लोगों ने उनसे विस्तार से पूछताछ की। जवाब में उन्होंने बताया कि उनकी शादी पहले ही तय हो चुकी है, और फरवरी 2025 में होगी। उन्होंने बताया कि खछरोद पंचायत ने उन्हें इस सामूहिक विवाह में शामिल होने के लिए कहा था, क्योंकि इसमें उन्हें ₹49,000 का चेक और दूसरे उपहार मिलेंगे।
युवक और युवती ने बताया कि पंचायत के कहने पर ही वे कुछ शर्तों के साथ इसमें शामिल हुए थे। वे वरमाला डालने को तैयार थे, लेकिन सिंदूर और फेरे अपनी तय शादी की तारीख पर ही करेंगे।
और उन्होंने ऐसा ही किया। लेकिन, कुछ लोगों की नज़र इस पर पड़ी और उन्होंने सवाल किए। खबरों के मुताबिक, इस घटना से सामूहिक विवाह को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।